Hindi, asked by yadavveenesh22, 8 months ago

'नव प्रभात' कविता का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।​

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Answered by ancharuu
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Answered by bharatpatadia74
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छट गया जग का अँधियारा

कलरव-संगीत मधुर करें हैं

जैसे उम्मीद का एक साया।

छुप कर बैठे क्यों कोने में

अंधियारे के साये में

नव प्रभात का डगर सरल

आ भी तू उजियारे में।

सुख की गीत गाये सब मिलकर

पत्ती -पत्ती डाली -डाली

सहज़ स्वभाव चिंता अब कैसी

उजियारे के साये में।

नभ चर हर प्राणी जगा

जागा सारा संसारा

एक उम्मीद किरण की लेकर

चल पड़ा हैं जग ये सारा।

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