Hindi, asked by prakashtarun8096, 11 months ago

Naya raasta meenu ka sangharsh

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Answered by udbhavjha0
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Answer:

चित्रण

मीनू का चरित्र चित्रण - नया रास्ता उपन्यास की नायिका मीनू है .वह उपन्यास की मुख्य पात्र हैं .उपन्यास की कथा उसके इर्द - गिर्द घूमती रहती है .वह पढ़ी लिखी एवं साहसी युवती है .बार - बार विवाह के प्रस्तावों में अस्वीकृत किये जाने पर  वह अपना रास्ता स्वयं चुनती है और आत्म -निर्भर बनकर दिखाती है .संक्षेप में मीनू के चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएँ देखते हैं -  

मेधावी युवती –मीनू,दयाराम जी के सबसे बड़ी संतान है .वह बचपन से ही पढने में तेज़ है  .इसी कारण वह एम् .ए .तक  की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करती है  .अमित द्वारा विवाह प्रस्ताव अस्वीकृत किये जाने पर भी वह अपनी पढ़ाई को छोडती नहीं बल्कि वह बचपन का सपना वकालत करने का पूरी करती है .वह प्रथम श्रेणी से वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण करती है और मेरठ जिले की प्रतिशित वकील बनती  है .

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Answered by Ramneek10
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मीनू

मीनू इस उपन्यास की मुख्य पात्र है। वह मीरापुर के एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती है। वह एक पढ़ी-लिखी, साहसी और समझदार स्त्री है। उसने उसने एम.ए. प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करी है। मीनू अपने सांवले रंग और कम दहेज के कारण विवाह करने में असमर्थ थी। उपन्यास के प्रारंभ में ही उसे देखनी मेरठ से मायाराम जी और उनके बेटे अमित आता है। अमित अमित कोर्स की पढ़ाई और कार्यकुशलता पसंद आई और उसने मन ही मन यह निश्चय किया कि वह मीनू से विवाह करेगा क्योंकि विवाह के बाद वह उसके माता-पिता के साथ रहने को राजी थी। किंतु अमित की मां को मेरठ के सेठ धनीमाल जी की पुत्री सरिता पसंद आती है क्योंकि वह 500000 दहेज देने को तैयार थे। वैसे तो मायाराम जी दहेज के सख्त खिलाफ थे किंतु अपनी पत्नी की बातों में आकर मीनू का विवाह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। इधर विवाहा स्वीकृत किए जाने का यह परिणाम हुआ कि मीनू ने यह निश्चय कर लिया कि वह विवाह नहीं करेगी और अपना बचपन का वकील बनने का सपना पूरा करेगी। वह मेरठ जाकर मन लगाकर पढ़ाई करने लगती है। इसी बीच अपनी सहेली नीलिमा के के विवाह में उसकी मुलाकात अमित से होती है जो नीलिमा के पति सुरेंद्र का मित्र था। उसे उसे नीलिमा से ज्ञात होता है कि अमित ने सरिता का विवाह प्रस्ताव भी अस्वीकृत किया क्योंकि वह विवाह के बाद के माता-पिता से अलग रहने की मांग कर रही थी। उसके माता-पिता भी एक अमीर लड़की से उसका विवाह कर उसका सौदा नहीं करना चाहते थे। इधर मीनू दिल लगाकर पढ़ाई करती है और वकालत की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करती है। वकालत पास करने के बाद मेरठ में ही वकालत करने लगी और अपनी मेहनत से प्रसिद्ध वकील बन गई। दूसरी ओर अमित का एक्सीडेंट हो जाता है और मीनू अमित से मिलने चली जाती है जहां अमित कुछ साल पहले अपने किए गए बर्ताव के लिए माफी मांगता है। मीनू से माफ कर देती है और कुछ महीने पश्चात वे दोनों विवाह का निश्चय करते हैं। और उनका विवाह हो जाता है। इस प्रकार मीनू एक आत्मनिर्भर स्त्री बनकर सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा बनती है।

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