NCERT grade -8 : Bharat ki khoj- chapter 3 summary in simple hindi words.
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भारत की खोज पाठ 3 का सारांश – सिंधु घाटी की सभ्यता
“भारत की खोज” पुस्तक को भारत के पहले प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ ने लिखा था। इस पुस्तक की रचना ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ ने जेल में रहते समय की थी। सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के कारण जवाहरलाल नेहरू को अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें अहमदनगर की जेल में रखा गया। अहमदनगर की जेल में लगभग 5 महीने के प्रवास के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस पुस्तक “भारत एक खोज” को लिखा।
इस पुस्तक के अध्याय 3 का सारांश निम्नानुसार है। “भारत की खोज” के अध्याय 3 में ‘सिंधु घाटी की सभ्यता’ का वर्णन किया गया है। सिंधु घाटी की सभ्यता को संसार की सबसे प्राचीन सभ्यता माना जाता है। उसके बारे में इस पाठ में बताया गया है सिंधु घाटी सभ्यता के दो प्राचीन नगर बड़े और प्रसिद्ध नगर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो खुदाई के समय में मिले थे। सिंधु घाटी की सभ्यता के जो भी अवशेष प्राप्त हुए उसे ज्ञात होता है कि उस समय यह सभ्यता बहुत विकसित थी। सिंधु घाटी की सभ्यता के खंडहरों के जो अवशेष प्राप्त हुये हैं उनसे पता चलता है कि उस सभ्यता में नगर व्यवस्था बड़ी सुव्यवस्थित थी। इस सभ्यता में कृषि भी बेहद उन्नत थी। पंडित नेहरू ने भारतीय सभ्यता के विकास के संदर्भ में सिंधु घाटी की सभ्यता को भोर-बेला माना है। सिंधु घाटी की सभ्यता हमारे प्राचीन गौरव का बखान करती है। ये सभ्यता नष्ट क्यों हुई। इस कारण शायद जलवायु परिवर्तन रहा होगा क्योंकि जहां पर ये सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुये वहां पर अब रेगिस्तान है। सिंधु घाटी की सभ्यता के अन्य प्रमुख सभ्यताओं से व्यापारिक संबंध भी कायम थे जैसे की मेसोपोटामिया की सभ्यता इत्यादि। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि सिंधु घाटी की सभ्यता सारी प्राचीन सभ्यताओं में सबसे श्रेष्ठ थी।