nibandh in hindi on ek rastriya samasya Aatankwaad
Answers
Answer:
आतंकवाद एक हिंसात्मक कुकृत्य है जिसको अंजाम देने वाले समूह को आतंकवादी कहते हैं। वो बहुत साधारण लोग होते हैं और दूसरों के द्वारा उनके साथ घटित हुये कुछ गलत घटनाओं और या कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण वो किसी तरह अपने दिमाग पर से अपना नियंत्रण खो देते हैं जो उनकी इच्छाओं को सामान्य या स्वीकृत तरीके से पूरा करने के में अक्षम बना देता है। धीरे-धीरे वो समाज के कुछ बुरे लोगों के प्रभाव में आ जाते हैं जहाँ उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करने का वादा किया जाता है। वो सभी एक साथ मिलते हैं और एक आतंकवादी समूह बनाते हैं जो कि अपने ही राष्ट्र, समाज और समुदाय से लड़ता है। आतंकवाद, देश के सभी युवाओं के विकास और वृद्धि को प्रभावित करता है।
ये राष्ट्र को उचित विकास से कई वर्ष पीछे ढकेल देता है। आतंकवाद देश पर अंग्रेजों की तरह राज कर रहा है, जिससे हमें फिर से आजाद होने की जरुरत है। हालाँकि, ऐसा प्रतीत होता है कि आतंकवाद हमेशा अपने जड़ को गहराई से फैलाता रहेगा क्योंकि अपने अनैतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये राष्ट्र के कुछ अमीर लोग अभी-भी इसको समर्थन दे रहें हैं।
Explanation:
Answer:
आतंकवाद हिंसा का एक गैर-कानूनी तरीका है जो लोगों को डराने के लिये आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किया जाता है। आज, आतंकवाद एक सामाजिक मुद्दा बन चुका है। इसका इस्तेमाल आम लोगों और सरकार को डराने-धमकाने के लिये हो रहा है। बहुत आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनीतिज्ञ और व्यापारिक उद्योगों के द्वारा आतंकवाद का इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों का समूह जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं उन्हें आतंकवादी कहते हैं।
हमें इसे जड़ से खत्म करने के बारे में सोचना होगा। मानव मस्तिष्क से असाधारण आतंक को हटाने के साथ ही इसके साम्राज्य को पूरी तरह से नेस्तानाबूद करने के लिये हमें एक मजबूत नीति बनानी चाहिये। आतंकवाद अपने सकारात्मक परिणामों को पाने के लिये हिसांत्मक तरीका अपनाता है।
आतंकवाद
आतंकवाद एक हिंसात्मक कुकृत्य है जिसको अंजाम देने वाले समूह को आतंकवादी कहते हैं। वो बहुत साधारण लोग होते हैं और दूसरों के द्वारा उनके साथ घटित हुये कुछ गलत घटनाओं और या कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण वो किसी तरह अपने दिमाग पर से अपना नियंत्रण खो देते हैं जो उनकी इच्छाओं को सामान्य या स्वीकृत तरीके से पूरा करने के में अक्षम बना देता है। धीरे-धीरे वो समाज के कुछ बुरे लोगों के प्रभाव में आ जाते हैं जहाँ उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करने का वादा किया जाता है। वो सभी एक साथ मिलते हैं और एक आतंकवादी समूह बनाते हैं जो कि अपने ही राष्ट्र, समाज और समुदाय से लड़ता है। आतंकवाद, देश के सभी युवाओं के विकास और वृद्धि को प्रभावित करता है।
आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं होता वो केवल अपनी माँगों को पूरा करने के लिये सरकार के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही आतंक को हर जगह फैलाने के लिये निर्दोष लोगों के समूह या समाज पर हमला करते हैं। उनकी माँगे बेहद खास होती हो, जो वो चाहते हैं केवल उसी को पूरा कराते हैं। ये मानव जाति के लिये एक बड़ा खतरा है। वो कभी-भी अपने दोस्त, परिवार, बच्चे, महिला या बूढ़े लोगों के लिये समझौता नहीं करते हैं। वो केवल लोगों की भीड़ पर बम गिराना चाहते हैं। वो लोगों पर गोलियाँ चलाते हैं, विमानों का अपहरण करते हैं और दूसरी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
कम से कम समय में अपने मुख्य क्षेत्रों या देशों में आतंक फैलाने के लिये आतंकवादी लक्ष्य बनाते हैं। पूर्व में, ऐसा माना जाता है कि आतंकवादी गतिविधियाँ केवल जम्मू और कश्मीर तक ही सीमित थी लेकिन अब ये अपनी जड़ें देश के दूसरे क्षेत्रों में भी फैला रहा है। देश में अलग-अलग नामों के साथ कई सारे आतंकवादी समूह सक्रिय हैं। अपने कार्य के अनुसार राजनीतिक और आपराधिक आतंकवाद के दो मुख्य प्रकार हैं। कुछ खास लक्ष्यों को पूरा करने के लिये प्रशिक्षित लोगों का समूह है आतंकवाद। विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिये एक से ज्यादा आतंकी समूह प्रशिक्षित किये जाते हैं। ये एक बीमारी की तरह है जो नियमित तौर पर फैल रही है और अब इसके लिये कुछ असरदार उपचार की जरुरत है।
आतंकवादी कहे जाने वाले प्रशिक्षित लोगों के समूह के द्वारा अन्यायपूर्ण और हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम देने की प्रक्रिया को आतंकवाद कहते हैं। वहाँ केवल एक मालिक होता है जो समूह को किसी भी खास कार्य को किसी भी तरीके से करने का सख्त आदेश देता है। अपने अन्यायी विचारों की पूर्ति के लिये उन्हें पैसा, ताकत और प्रचार की जरुरत होती है। ऐसी परिस्थिति में, ये मीडिया होती है जो किसी भी राष्ट्र के समाज में आतंकवाद के बारे में खबर फैलाने में वास्तव में मदद करती है। अपनी योजना, विचार और लक्ष्य के बारे में लोगों तक पहुँच बनाने के लिये आतंकवाद भी मीडिया का सहारा लेता है।
राष्ट्र से आतंकवाद और आतंक के प्रभाव को खत्म करने के लिये, सरकार के आदेश पर कड़ी सुरक्षा का प्रबंध किया गया है। वो सभी जगह जो किसी भी वजह से भीड़-भाड़ वाली जगह होती या बन जाती है जैसे सामाजिक कार्यक्रम, राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, मंदिर आदि को मजबूत सुरक्षा घेरे में रखा जाता है। सभी को सुरक्षा नियमों का पालन करता पड़ता है और ऑटोमैटिक बॉडी स्कैनर मशीन से गुजरना पड़ता है। इस तरह के उपकरणों का इस्तेमाल करने के द्वारा सुरक्षा कर्मियों को आतंकवादी की मौजूदगी का पता लगाने में मदद मिलती है। इस तरह की कड़ी सुरक्षा प्रबंधन के बाद भी हम लोग अभी-भी आतंकवाद का खिलाफ प्रभावशाली रुप से नहीं खड़े हो पा रहें हैं।
आतंकी समूह को खत्म करने के साथ ही आतंक के खिलाफ लड़ने के लिये हर साल हमारा देश ढ़ेर सारे पैसे खर्च करता है। हालाँकि, ये अभी-भी एक बीमारी की तरह बढ़ रही है क्योंकि रोजाना नये आतंकवादी तैयार हो रहें हैं। वो हमारी तरह ही बहुत सामान्य लोग हैं लेकिन उन्हें अन्याय करने के लिये तैयार किया जाता है और अपने एक समाज, परिवार और देश के खिलाफ लड़ने के लिये दबाव बनाया जाता है। वो इस तरह से प्रशिक्षित होते हैं कि उन्हें अपने जीवन से भी प्यार नहीं होता, वो लड़ते समय हमेशा अपना कुर्बान होने के लिये तैयार रहते हैं। एक भारतीय नागरिक के रुप में, आतंकवाद को रोकने के लिये हम सभी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं और ये तभी रुकेगा जब हम कुछ बुरे और परेशान लोगों की लालच भरी बातों में कभी नहीं आयेंगे।
कनक मिश्रा
आंग्ल भाषा में परास्नातक, कनक मिश्रा पेशे से एक कुशल कंटेंट राइटर हैं। इनकी हिन्दी और अंग्रेजी पर समान पकड़ इनकी लेखनी को खास बनाती है। ये नियमित लेखन करती हैं और इनकी सृजनात्मकता इनके कार्य को प्रभावशाली बनाती है। ये बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। आपने आहार-विशेषज्ञ और स्टेनोग्राफी में भी कुशलता प्राप्त कर रखी है।
कच्चा आम हमारी सेहत के लिए किस तरह फायदेमंद हो सकता है
कच्चा आम हमारी सेहत के लिए किस तरह फायदेमंद हो सकता है
कच्ची केरी का नाम सुनते ही मेरे मुंह में तो पानी भर जाता है और ऐसा सिर्फ मेरे साथ ही…
Explanation:
hope it helps you ☺️✌️