nigro कहाँ के निवासी है
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भारत की आबादी के बारे में हम जान चुके हैं कि अलग-अलग समय में दूर देशों से आने वाली जातियों की वजह से यहां की संस्कृति बहुरंगी हुई. आर्य और द्रविड़ भारत की प्रमुख आबादी हैं. मंगोल प्रजाति के लोगों का भी यहां अच्छी संख्या में संकेंद्रण है और थोडी संख्या में यहां नीग्रो भी रहते हैं. अटकल और अनुमान से जो बातें अभी तक सामने लाई जा सकी हैं, उनके आधार पर साधारणतः यह समझा जाता है कि भारत आने वाली पहली जाति नीग्रो थी. यह जाति भारत में अरब-ईरान के किनारे-किनारे चलकर पश्चिम से अथवा संभवतः अफ्रीका से आई थी. इसकी एक शाखा भारत से निकल कर ऑस्ट्रेलिया भी गई, जहां उसके वंशज अब तक मौजूद हैं. भारत से ऑस्ट्रेलिया जाते हुए रास्ते में इंडोनेशिया, पोलीनेशिया और मलेनेशिया में भी इस जाति की टुकड़ियां रह गईं. मलाया, फिलीपाइन, न्यूगिनी और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भी जो नीग्रो हैं, वे भी भारत से ही गए हुए हैं. लेकिन भारत में नीग्रो लगभग खत्म हो चुके हैं. अनुमान यह है कि या तो वे अपने पीछे आने वाले आग्नेय लोगों के द्वारा मार डाले गए अथवा उनमें मिलकर एक हो गए और उनकी अपनी कोई अलग सत्ता नहीं रह गई. अब इनके थोडे से निशान दक्षिण भारत की आदिम जातियों अथवा असम की नागा जाति में बचे हुए हैं. नीग्रो लोग सभ्यता के आरंभिक सोपान पर थे. कहने का तात्पर्य सीधा है कि वे जंगली और असभ्य जीवन जीते थे.