nitrogen or oxygen machine aaynan Urja oxygen Kyon Nahin chahie parantu nitrogen Kyon Hoti Hai Karan spasht karo
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(p3) है जो कि अपूर्ण विन्यास की तुलना में ज्यादा स्थायी विन्यास है।ऑक्सिजन नाइट्रोजन के बाद आता है और इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (p4 )है जो कि अपूर्ण विन्यास है।इसलिए ऑक्सीजन एक बाह्यतम इलेक्ट्रान को ,नाइट्रोजन की तुलना में कम ऊर्जा पर ही दे देगा तथा स्थायी अर्द्ध पूरित विन्यास को प्राप्त कर लेगा।परन्तु नाइट्रोजन में तो पहले से ही स्थायी अर्द्ध पूरित विन्यास है इसलिए इसके एक इलेक्ट्रान को निकालने के लिये ज्यादा ऊर्जा देनी पड़ेगी।इस कारण नाइट्रोजन का प्रथम आयनन विभव ऑक्सिजन की तुलना में अधिक होता है।
लेकिन प्रथम आयनन विभव के बाद अब स्थिति बदल गयी है।अब
ऑक्सीजन का विन्यास (p3)अर्द्धपुरित हो गया है और नाइट्रोजन का विन्यास(p2) अपूर्ण हो गया है।इसलिए द्वितीय इलेक्ट्रान को नाइट्रोजन ,ऑक्सिजन की तुलना में आसानी से दे देगा। इसलिए द्वितीय आयनन विभव का मान ऑक्सीजन का नाइट्रोजन की तुलना में अधिक होगा।
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