Only in marathi . बहुव्रीही समास
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बहुव्रीही समास
ज्या समासातील कोणतेच पद प्रमुख नसून त्या पदाच्या अर्थापेक्षा वेगळ्या अशा वस्तूंचा किंवा व्यक्तींचा त्यामधून बोध होतो त्या समासाला बहुव्रीही समास असे म्हणतात.
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बहुव्रीहि समास के उदाहरण —-
१ चंद्रशेखर —-चन्द्रमा है जिसके शिखर पर अर्थात शिव जी
२ गजानन —-गज के समान आनन है जिसका अर्थात गणेश
३ चक्रपाणि—-चक्र है जिसके हाथ में अर्थात विष्णु या कृष्ण
४ चतुरानन —-चार आनन है जिसके अर्थात ब्रह्मा
५ नील कंठ —-नीला कंठ है जिसका अर्थात शिव जी |
बहुव्रीहि समास में समस्त पद किसी अन्य संज्ञा का विशेषण होता है इसका शब्दार्थ गौण और भिन्न अर्थ प्रधान होता है |जैसे –सुलोचना –सुन्दर नयन वाली —कर्म धारय समास
२ सुन्दर नयन वाली सुलोचना {नाम}-मेघनाथ की पत्नी –बहुव्रीहि समास होगा |
१ चंद्रशेखर —-चन्द्रमा है जिसके शिखर पर अर्थात शिव जी
२ गजानन —-गज के समान आनन है जिसका अर्थात गणेश
३ चक्रपाणि—-चक्र है जिसके हाथ में अर्थात विष्णु या कृष्ण
४ चतुरानन —-चार आनन है जिसके अर्थात ब्रह्मा
५ नील कंठ —-नीला कंठ है जिसका अर्थात शिव जी |
बहुव्रीहि समास में समस्त पद किसी अन्य संज्ञा का विशेषण होता है इसका शब्दार्थ गौण और भिन्न अर्थ प्रधान होता है |जैसे –सुलोचना –सुन्दर नयन वाली —कर्म धारय समास
२ सुन्दर नयन वाली सुलोचना {नाम}-मेघनाथ की पत्नी –बहुव्रीहि समास होगा |
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