History, asked by Manas4425, 10 months ago

औपनिवेशिक संदर्भ में शहरीकरण के रुझानों को समझने के लिए जनगणना संबंधी आंकड़े किस हद तक उपयोगी होते हैं।

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Answered by shishir303
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औपनिवेशिक संदर्भ में शहरीकरण के रुझानों को समझने के लिए जनगणना संबंधी आंकड़े काफी हद तक उपयोगी होते हैं।  इसका विवेचन इस प्रकार है...

  • जनसंख्या संबंधी आंकड़ों से औपनिवेशिक काल के भारत के शहरों में रहने वाले श्वेत और अश्वेत नागरिकों की जनसंख्या के अनुपात का सही आकलन आसानी से पता लगाया जा सकता है। इन आंकड़ों से श्वेत एवं अश्वेत लोगों के शहरों और इन शहरों के निर्माण व विस्तार और उसमें रहने वाले लोगों के जीवन स्तर तथा बीमारी आदि से जनता पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव आदि के विषय में भी उपयोगी जानकारी प्राप्त होती है।
  • इन आंकड़ों से तत्कालीन समय में शहरीकरण की गति का पता चलता था। इन आंकडडों के अध्ययन से पता चला कि 1800 तक शहरीकरण की गति काफी धीमी थी।
  • जनसंख्या संबंधी आंकड़ों से शहर में रहने वाले लोगों के लिंग, जाति, आयु, व्यवसाय तथा अन्य जानकारियां प्राप्त होती थीं, जिससे उस समय की सामाजिक स्थिति को समझने में आसानी होती थी।
  • यह आंकड़े उस समय की जन्म दर और मृत्यु दर की संख्या बताते थे जिससे तत्कालीन समय में स्वास्थ्य की स्थिति का पता चलता था।

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Answered by Anonymous
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Answer:

औपनिवेशिक संदर्भ में शहरीकरण के रुझानों को समझने के लिए जनगणना संबंधी आंकड़े काफी हद तक उपयोगी होते हैं।  इसका विवेचन इस प्रकार है...

जनसंख्या संबंधी आंकड़ों से औपनिवेशिक काल के भारत के शहरों में रहने वाले श्वेत और अश्वेत नागरिकों की जनसंख्या के अनुपात का सही आकलन आसानी से पता लगाया जा सकता है। इन आंकड़ों से श्वेत एवं अश्वेत लोगों के शहरों और इन शहरों के निर्माण व विस्तार और उसमें रहने वाले लोगों के जीवन स्तर तथा बीमारी आदि से जनता पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव आदि के विषय में भी उपयोगी जानकारी प्राप्त होती है।

इन आंकड़ों से तत्कालीन समय में शहरीकरण की गति का पता चलता था। इन आंकडडों के अध्ययन से पता चला कि 1800 तक शहरीकरण की गति काफी धीमी थी।

जनसंख्या संबंधी आंकड़ों से शहर में रहने वाले लोगों के लिंग, जाति, आयु, व्यवसाय तथा अन्य जानकारियां प्राप्त होती थीं, जिससे उस समय की सामाजिक स्थिति को समझने में आसानी होती थी।

यह आंकड़े उस समय की जन्म दर और मृत्यु दर की संख्या बताते थे जिससे तत्कालीन समय में स्वास्थ्य की स्थिति का पता चलता था।

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