प्र०.1 क) अनुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए-
Answers
Answered by
23
Answer:
अनुप्रास अलंकार=इस अलंकार में किसी व्यंजन वर्ण की आवृत्ति होती है। आवृत्ति का अर्थ है दुहराना जैसे–’तरनि-तनूजा तट तमाल तरूवर बहु छाये।” उपर्युक्त उदाहरणों में ‘त’ वर्ण की लगातार आवृत्ति है, इस कारण से इसमें अनुप्रास अलंकार है।
-----------
अनुप्रास अलंकार के उदाहरण-
- प्रसाद के काव्य-कानन की काकली कहकहे लगाती नजर आती है।
- चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।
- मुदित महीपति मंदिर आए। सेवक सचिव सुमंत बुलाए।
- बंदऊँ गुरुपद पदुम परागा। सुरुचि सुवास सरस अनुरागा।
- सेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर गावै।
- प्रतिभट कटक कटीले केते काटि-काटि कालिका-सी किलकि कलेऊ देत काल को।
- विमलवाणी ने वीणा ली कमल कोमल कर में सप्रीत।
- लाली मेरे लाल की जित देखौं तित लाल।
- लाली देखन मैं गई मैं भी हो गई लाल।।
- संसार की समर स्थली में धीरता धारण करो
Similar questions