Hindi, asked by tyagivaishnavi17, 8 months ago

प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई ने व्यंग्य लिखा है । आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर व्यंग्य लिखिए
plz tell me the answer ​

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Answered by 2255manishsoni
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please please please mark as Brainlliest please

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Answered by Anonymous
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व्यक्तित्व से मिलती जुलती पोशाक और हमारे चाचा जी का दूर दूर तक कोई नाता नहीं है।कहने को तो वह शहर के नामी गिरामी डॉक्टर है लेकिन उनके अदर अमीरों जैसी कोई बात ही नहीं है। चाहे मीटिंग हो या उनका अपना हॉस्पिटल, वे साधारण कपड़ों में ही सारी जगहों पर जाते हैं। उन्हें इस बात से बिलकुल फर्क नहीं पड़ता की चार लोग आएंगे और उनका मजाक उड़ाएंगे जिस तरह वे अमीरों से बात करते है ठीक उसी तरह वे अपने से नीचे अर्थात गरीब लोगों से मिलते जुलते है। कुछ लोगों को लगता है कि उन्हें जीवन जीने का सलीका नहीं है लेकिन वास्तव में असली जीवन तो उन्हीं जी रहे है। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि एक आदर्श व्यक्ति का जीवन कैसा होना चाहिए।वह भले ही पोशाक से डॉक्टर ना लगते हो लेकिन वह एक आदर्श मानव की कसौटी पर खरे उतरते हैं।

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