पूर्वाग्रह एवं रूढ़धारणा में विभेदन कीजिए I
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"पू्र्वाग्रह का तात्पर्य है कि किसी व्यक्ति विशेष या समूह विशेष के प्रति पहले से ही एक धारणा या राय बना लेना। पूर्वाग्रह किसी व्यक्ति विशेष या समूह विशेष के प्रति अभिवृत्ति का एक उदाहरण है। ज्यादातर पूर्वाग्रह नकारात्मक ही होते हैं। जब किसी व्यक्ति विशेष या समूह विशेष के प्रति सही तथ्यों को जांचे परखे बिना ही उसके बारे में अपने मन में, अपनी सोच और सुविधा के अनुसार पहले से एक निश्चित राय बना ली जाए और उसी के अनुसार उसके प्रति व्यवहार किया जाए तो इसे पूर्वाग्रह कहा जाता है। इसका वास्तविकता से कोई संबंध नही भी हो सकता है।
रुढ़धारणा मतलब मान्यताएं। किसी व्यक्ति या उस व्यक्ति के पूरे समूह के मन में घर कर गई कोई धारणा या मान्यता रुढ़धारणा कहलाती है। रुढ़धारणा भूतकाल में घटित हुई किसी घटनाक्रम के कारण की उत्पन्न हुई हो सकती है या फिर वर्षों से चली आ रही किसी सामाजिक परंपरा के निर्वहन से संबंधित हो सकती हैं।
रुढ़धारणायें एक पूरे वर्ग या समूह से संबद्ध होती हैं पर ये जरूरी नही कि इनका जन्म समूह में ही हुआ हो, ये किसी एक व्यक्ति के मन से उत्पन्न हो सकती है और फिर धीरे-धीरे पूरे समाज या समूह में फैल जाती हैं। उदाहरण के लिये आप किसी खास जगह पर स्थित किसी धर्मस्थल पर जाते हैं और किसी काम के पूरा होने की कामना करते हैं, संयोग से शीघ्र ही आपका काम हो भी जाता है तो आप आपके मन में ये धारणा बन गयी कि उक्त धर्मस्थल पर जाने कार्य बनते हैं, आप अपने समाज के लोगों को ये बात बताते हैं और धीरे-धीरे पूरे समूह में ये बात फैल जाती है और एक रुढ़धारणा का रूप ले लेती है कि उस जगह पर जाने से काम बनते हैं।
यहाँ हम पूर्वाग्रह और रुढ़धारणा में अंतर समझ सकते हैं कि पूर्वाग्रह किसी व्यक्ति या समूह के विषय में अपनी बुद्धि, सोच और सूचना के आधार पर पहले से बनायी गयी एक धारणा है जो कि जरूरी नही कि उस व्यक्ति की वास्तविक स्थिति से मेल खाती हो, जिसके बारे में ये धारणा बनायी गयी हो। जबकि रुढ़धारणायें किसी सामाजिक परंपरा या मान्यता का निर्वहन करने से संबंधित होती हैं।
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