प्र011 कुंए में घुसकर चिठियों को निकालने का निश्चय अति आत्मविश्वास का परिचायक है। आपके अनुसार
अतिआत्म विश्वास उचित है।
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लेखक की चिट्ठियाँ कुएँ में गिरी पड़ी थीं। कुएँ में उतरकर चिट्ठियों को निकाल लाना साहस का कार्य था। लेखक ने इस चुनौती को स्वीकार किया और उसने छ: धोतियों को जोड़कर डंडा बाँधा और एक सिरे को कुएँ में डालकर उसके दूसरे सिरे को कुएँ के चारों ओर घुमाने के बाद उसमें गाँठ लगाकर छोटे भाई को पकड़ा दिया। धोती के सहारे जब वह कुएँ के धरातल से चार-पाँच गज ऊपर था। उसने साँप को फन फैलाए देखा। वह कुछ हाथ ऊपर लटक रहा था। साँप के पास पैर लटकते थे। वह आक्रमण करने की तैयारी में था। साँप को धोती में लटककर नहीं मारा जा सकता था। डंडा चलाने के लिए काफी जगह चाहिए थी। इसलिए उसने डंडा चलाने का इरादा छोड़ दिया। उसने डंडे से चिट्ठियों को खिसकाने का प्रयास किया कि साँप डंडे से चिपक गया। साँप का पिछला भाग लेखक के हाथों को छू गया। लेखक ने डंडे को एक ओर पटक दिया। देवी कृपा से साँप के आसन बदल गए और वह चिट्ठियों को उठाने में कामयाब हो गया।