प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में क्या अंतर है?
Answers
1) प्रग्रहरण मत्स्यन: प्राकृतिक जल संसाधनों द्वारा मछली पकड़ने की विधि को प्रग्रहरण मत्स्यन कहते हैं।
2) मेरीकल्चर: समुद्री संवर्धन द्वारा मछलियाँ पकड़ने को मेरीकल्चर कहते हैं।
3) जलसंवर्धन: स्वच्छ जल में मछली संवर्धन से मछलियों को पकड़ना जलसंवर्धन कहलाता हैं।
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उत्तर:
प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में निम्नलिखित अंतर है :
प्रग्रहण मत्स्यन :
साफ लवण रहित तथा समुद्री लवण सहित जल स्रोतों से मछली पकड़ना प्रग्रहण मत्स्यन कहलाता है। ऐसे जल स्रोत मुख्य रूप से तालाब, पोखर, नदी ,नदी मुख ,लैगून आदि होते हैं। इसमें उत्पादन कम होता है।
मेरीकल्चर :
आर्थिक महत्व की अनेक मछलियों का संवर्धन समुद्री जल में किया जाता है। इसे मेरी कल्चर कहते हैं। जैसे - मुलेट, भेटकी, झींगा ऑएस्टर आदि।
जल संवर्धन :
तालाबों में तरह-तरह की मछलियों का संवर्धन किया जाता है । इस प्रकार से संवर्धित मछलियों में आपसे स्पर्धा नहीं होती। इससे तालाब में मछली उत्पादन अधिक होता है । इस प्रकार की मछली पालन विधि को जल संवर्धन कहते हैं । यह मछलियां जल स्रोत के विभिन्न हिस्सों से अपना भोजन प्राप्त करती है । जैसे कटला जल की सतह से , रोहू तलाब के मध्य से, मृगल, काॅमन कार्प तालाब की तली से।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।