Science, asked by Mahibullah2408, 1 year ago

पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्राय: कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता है और क्यों ?

Answers

Answered by mas959493
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क्रॉस ब्रीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मवेशियों की देसी किस्म को विदेशी नस्लों द्वारा पार किया जाता है ताकि एक ऐसी नस्ल प्राप्त की जा सके जो अधिक उपज देने वाली हो। क्रॉस ब्रीडिंग के दौरान, वांछित पात्रों को ध्यान में रखा जाता है। वंश अधिक उपज वाला होना चाहिए, जल्दी परिपक्वता होनी चाहिए और जलवायु परिस्थितियों के लिए प्रतिरोधी होना चाहिए।

Answered by nikitasingh79
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उत्तर:  

पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्राय: चयनात्मक प्रजनन विधि (selective breeding)  का उपयोग किया जाता है क्योंकि दूध देने वाले पशुओं का दुग्ध उत्पादन उनके दुग्धरत्रवण (lactation period) काल पर निर्भर होता है।  

चयनात्मक प्रजनन विधि (selective breeding) द्वारा पशुधन की नई और उत्तम नस्लों के विकास द्वारा उत्पादन सुधारने के प्रयास किए जाते हैं। इसमें अलग अलग नस्लों के जनकों (जैसे विदेशी नस्लें - जर्सी,  ब्राउन सि्वस और देशी नस्लें - रेडसिंधी तथा साहिवाल), प्रत्येक कुछ वांछित लक्षणों से युक्त, का संगम शामिल होता है जो तत्पश्चात संतानों तक पहुंच जाते हैं।

जनकों के कुछ वांछित लक्षणों निम्न प्रकार से है :  

  • जलवायु संबंधी दशाओं का सहनशक्ति।
  • दुग्धरत्रवण (lactation period) काल
  • पैदावार (दूध और मांस) का उच्च उत्पादन।
  • रोगों से प्रतिरोध।
  • प्रजनन की उचित आयु।
  • उत्तम स्वास्थ्य।
  • सामान्य रूप रंग।

आशाा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।

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