प्रकाश का वर्ण विछेद
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प्+र्+अ+क्+आ+श्+अ
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Answer:
प्रकाश का वर्ण विक्षेपण-प्रिज्म के भीतर से गुजरने पर श्वेत या सूर्य के प्रकाश के अपने विभिन्न अवयवों में विभाजन को प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।
Explanation:
शब्द को रचना को समझने के लिए शब्द के वर्णों को अलग- अलग करके दिखाने की प्रक्रिया ही 'वर्ण विच्छेद' कहलाती है। जैसे- तुलसी =त्+ उ+ल्+ अ+ स्+ ई , किनारा= क्+इ+न्+आ+र्+आ आदि ।दूसरे शब्दों में – स्वर या व्यञ्जन को अलग-अलग करना वर्ण-विच्छेद है। इसकी कोई मात्रा नहीं होती। वर्ण-विच्छेद करते समय हमें स्वरों की मात्राओं को पहचानना पड़ता है और उस मात्रा के स्थान पर उस स्वर (अ, आ, इ, ई आदि) को प्रयोग में लाया जाता है जिसकी वह मात्रा होती है।शब्द को रचना को समझने के लिए शब्द के वर्णों को अलग- अलग करके दिखाने की प्रक्रिया ही 'वर्ण विच्छेद' कहलाती है।
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