प्रश्न 1) निम्नलिखि पद्यांश पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कुर्तियां कीजिए।
१. भारत महिमा
हिमालय के आँगन में उसे, किरणों का दे उपहार
उषा ने हँस अभिनंदन किया, और पहनाया हीरक हार ।
जगे हम, लगे जगाने विश्व, लोक में फैला फिर आलोक
व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट, अखिल संसृति हो उठी अशोक ।
विमल वाणी ने वीणा ली, कमल कोमल कर में सप्रीत
सप्तस्वर सप्तसिंधु में उठे. छिड़ा तब मधुर साम संगीत ।
विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम
भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया दिखलाते घर-घर घूम ।
'यवन' को दिया दया का दान, चीन को मिली धर्म की दृष्टि
मिला था स्वर्ण भूमि को रत्न, शील की सिंहल को भी सृष्टि ।
किसी का हमने छीना नहीं, प्रकृति का रहा पालना यहीं
हमारी जन्मभूमि थी यहीं, कहीं से हम आए थे नहीं । .......
चरित थे पूत, भुजा में शक्ति, नम्रता रही सदा संपन्न
हृदय के गौरव में था गर्व, किसी को देख न सके विपन्न ।
हमारे संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे देव
वचन म सत्य, हृदय में तेज, प्रतिज्ञा में रहती थी टेव ।
वही है रक्त, वही है देश, वही साहस है. वेसा ज्ञान
वही है शांति, वही हे शक्ति, वही हम दिव्य आर्य संतान
जिएँ तो सदा इसी के लिए, यही अभिमान रहे यह हर्ष
निछावर कर दें हम सर्वस्व, हमारा प्यारा भारतवर्ष ।
।
Attachments:
Answers
Answered by
1
Answer:
प्रेम के साथ - सप्रीत
हलचल - धूम
श्रीलंका - सिंहल
आकाश - व्योम
फैला : संसार में किस तरह का आलोक फैला ?
प्रकृति : प्रकृति का पालना किसे कहा गया है ?
पहनाया - हीरक हार
सप्त स्वर - सप्तसिंधु
अखिल संस्कृति - हो उठी अशोक
हमारी जन्मभूमि - थी यही
Similar questions
Math,
4 months ago
English,
4 months ago
India Languages,
8 months ago
Science,
1 year ago
English,
1 year ago