Hindi, asked by ramaravyadav9602, 3 months ago

प्रश्न 10 श्लोकस्य अर्थ लिखतः
1. सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।
2. सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद दुख भाग्भवेत्।।​

Answers

Answered by kanupriya163
8

Answer:

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत।

ऊँ शांतिः शांतिः शांतिः

अर्थ - "सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।"

Explanation:

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Answered by Anubhavprakash2007
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Explanation:

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1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए.

सही समय पर सही चुनाव न करने वाला व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में बुरी तरह

असफल हो जाता है। जीवन का सफल कलाकार वह है जो अपने हर काम में सावधानीपूर्वक

चुनाव करता है। चुनाव में सावधानी न बरतने वाला और बिना सोचे-समझे गलत चुनाव कर

लेने वाला व्यक्ति लाख प्रयत्न करने पर भी अपने जीवन को उचित और सफल मोड़ नहीं दे

पाता। जो व्यक्ति अपने खाने-पीने, खेलने-कूदने, पढ़ने-लिखने और अपने मित्रों के साथ

मनोरंजन के कार्यक्रमों में चुनाव करते समय सावधानी नहीं बरतता, उसकी दशा, उस पेटू

जैसी हो जाती है जो अनाप-शनाप, जो भी सामने आता है, खाए जाता है और अपना स्वास्थ्य

चौपट कर बैठता है। होना यह चाहिए कि हम यह सोच समझ कर तय करें कि हमें किस समय

उठना है और किस समय सोना है। हम क्या, कितना और कब, क्या और किस तरह पहनना है।

हमें किन लोगों को मित्र बनाना है और किनसे थोड़ी दूरी बनाए रखनी है।

(1) कैसे लोग जीवन को सफल नहीं बना पाते और क्यों?

(II) ठीक चुनाव न करने वाले व्यक्ति की तुलना पेटू व्यक्ति से क्यों की गई है?

ठीक दिनचर्या के लिए क्या-क्या सावधानियाँ आवश्यक हैं?

(IV)

मित्र बनाने में हमें क्या सावधानी रखनी चाहिए?

(V) जीवन का सफल कलाकार किसे कहा गया है?

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