प्रश्न 2.
चन्दबरदाई कौन थे?
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Answer:
चंदन बरदाई हिंदी के पहिले कवी थे उनका जन्म लाहोर मे हूआ था ई.1205
‘चन्दबरदाई’ अजमेर और दिल्ली के राजा ‘पृथ्वीराज चौहान’ के दरबार में राज्यकवि थे।
‘चन्दबरदाई’ जन्म 1148 ईसवी में लाहौर में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में है। चन्दबरदाई बचपन से ही बड़ी कुशाग्र बुद्धि के थे वो बड़े प्रतिभाशाली थे। उनकी भाषा और साहित्य पर अच्छी पकड़ थी। उन्होंने ज्योतिष विद्या में महारत हासिल कर ली थी। वो पुराणों, उपनिषदों वा अन्य शास्त्रों के भी अच्छे ज्ञाता थे।
अपनी प्रतिभा के बल पर वो शीघ्र ही पृथ्वीराज चौहाने के दरबार में उच्च स्थान पा गये और राज्यकवि की उपाधि से अलंकृत हुये। ‘चन्दबरदाई’ न केवल राज्य कवि थे बल्कि वो पृथ्वीराज चौहान के व्यक्तिगत सलाहकार एवं मित्र भी थे। उन्होंने अस्त्र-शस्त्र की भी विधिवत शिक्षा-दीक्षा प्राप्त ली थी और वह अक्सर युद्धभूमि में अपने रण कौशल का परिचय देते थे।
‘चन्दबरदाई’ ने पृथ्वीराज के चरित्र का बखान करते हुए ‘पृथ्वीराज रासो’ नामक ग्रंथ की रचना की थी। ‘पृथ्वीराज रासो’ ढाई हजार पृष्ठों का महाकाव्य है, जिसे हिंदी का प्रथम महाकाव्य माना जाता है। इस ग्रंथ में ‘चन्दरबरदाई’ ने पृथ्वीराज की वीरता का बखान करते हुये अपनी विद्वता, देशभक्ति और पृथ्वीराज के प्रति अपनी मित्रता का परिचय दिया है।