प्रश्न 2- निम्नलिखित अपठित पद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1x5)
हँस लो दो क्षण खुशी मिली, वरना जीवन भर क्रंदन है। किसका जीवन हँसी-खुशी में
इस दुनिया में रहकर बीता? सदा-सर्वदा संघर्षों को
इस दुनिया में किसने जीता? खिलता फूल म्लान हो जाता हँसता रोता चमन-चमन है। कितने रोज़ चमकते तारे कितने रह-रह गिर जाते हैं, हँसता शशि भी छिप जाता है जब सावन घन घिर आते हैं।
उगता-ढलता रहता सूरज जिसका साक्षी नील गगन है।
(क) कविता में मनुष्य को क्या संदेश दिया गया है और क्यों?
(ख) दुख से मनुष्य ही नहीं प्रकृति भी दुखी है। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
(ग) सूरज का उगना-ढलना किसका प्रतीक है? वह किन बातों का साक्षी है?
(घ) सूरज का उगना-ढलना किन-किनबातों का साक्षी है?
(ङ) उपर्युक्त पद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए?
Answers
Answered by
1
Answer:
क कविता में यह संदेश दिया गया है कि मनुष्य को सदा हंसते रहना चाहिए क्योंकि जीवन में अनेक कठिनाइयां आती है पर उसे अपना विवेक ना खोकर सदा मुस्कुराते रहना चाहिए।
ख) दुख से केवलअनुष्य ही नहीं प्रकृति भी दुखी है जैसे फूलों का मुरझाना , बादलों का गिरना एवं सूरज का डालना।
Similar questions