प्रश्न 3.
चिकित्सा के क्षेत्र में महर्षि सुश्रुत के योगदान का वर्णन कीजिए।
Answers
चिकित्सा के क्षेत्र में ‘महर्षि सुश्रुत’ का योगदान अमूल्य है। ‘महर्षि सुश्रुत’ ने शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वो ही विश्व के प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने सर्वप्रथम शल्य चिकित्सा का प्रतिपादन किया था अर्थात उन्होंने इस संसार को शल्य चिकित्सा से परिचित कराया। वह प्राचीन भारत के ना केवल एक कुशल एवं प्रसिद्ध चिकित्सक थे बल्कि उन्होंने शल्य क्रिया को एक व्यवस्थित रूप प्रदान कर उसको परिष्कृत भी किया।
महर्षि सुश्रुत ने ‘सुश्रुत संहिता’ नामक ग्रंथ की रचना की थी। इस ग्रंथ में उन्होंने शल्य चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं का बड़े विस्तार और सूक्ष्मता से विवेचन प्रस्तुत किया है। यह ग्रंथ शल्य-चिकित्सा के क्षेत्र में एक प्रमाणिक और अनमोल ग्रंथ है।
‘महर्षि सुश्रुत’ ने आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व शल्य क्रिया का प्रतिपादन किया था, उसे आज हम प्लास्टिक सर्जरी के नाम से जानते हैं। सुश्रुत द्वारा प्रतिपादित पद्धति का अनुसरण पश्चिमी जगत ने तो बहुत बाद में किया, जबकि सुश्रुत ने सैकड़ों पूर्व ही इस चिकित्सा पद्धति की खोज कर दी थी।
शल्यक्रिया के क्षेत्र में सुश्रुत ने 100 से भी अधिक ऐसे औजारों का अविष्कार किया। इनमें से बहुत से औजारों का प्रयोग आज के समय में भी चिकित्सकों द्वारा किया जाता है।
इस प्रकार महर्षि सुश्रुत हमारे भारत के लिए गौरव का विषय रहे हैं और ‘शल्य चिकित्सा’ के जनक माने जाते हैं।