India Languages, asked by bholusingh670, 10 months ago

प्रश्नानामुत्तराणि एकपदेन लिखत-
(क) दैवी संपद् कस्मै मता? |
(ख) कामभोगेषु प्रसक्ताः कुत्र पतन्ति?
(ग) ईश्वरः नराधमान् कासु योनिषु क्षिपति?
(घ) त्रिविधं कस्य द्वारम्?

Answers

Answered by coolthakursaini36
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प्रश्नानामुत्तराणि एकपदेन लिखत-

(क) दैवी संपद् कस्मै मता?  

उत्तरम्-> भूतेषु दया एव दैवी सम्पद्।

(ख) कामभोगेषु प्रसक्ताः कुत्र पतन्ति?

उत्तरम्-> कामभोगेषु प्रसक्ताः नरके पतन्ति|

(ग) ईश्वरः नराधमान् कासु योनिषु क्षिपति?

उत्तरम्-> ईश्वरः नराधमान् आसुरीं योनिषु क्षिपति|

(घ) त्रिविधं कस्य द्वारम्?

उत्तरम्-> त्रिविधं नरकस्य द्वारम्|

Answered by JackelineCasarez
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एकपदेन उत्तरत:

(क) भूतेषु दया

(ख) नरके

(ग) आसुरीं

(घ) नरकस्य

Explanation:

प्रश्नानामुत्तराणि एकपदेन लिखत-

उत्तर - (क) भूतेषु दया एव दैवी सम्पद्।(दैवी सम्पदा मोक्ष के लिए और आसुरी सम्पदा बन्धन के लिए मानी गयी है, तुम शोक मत करो, क्योंकि तुम दैवी सम्पदा को प्राप्त हुए हो।।

)

उत्तर - (ख) कामभोगेषु प्रसक्ताः नरके पतन्ति|(कई कल्पना से निराश, भ्रम के जाल में उलझा, वासना की संतुष्टि के आदी, वे एक नरक में गिर जाते हैं।)

उत्तर - (ग) ईश्वरः नराधमान् आसुरीं योनिषु क्षिपति|(किसी विशेष शरीर में जीव को रखने का विशेष अधिकार भगवान को है। भले ही शैतानी लोग ईश्वर की श्रेष्ठता को स्वीकार नहीं करते हैं और वे अपने व्यक्तिगत स्वामियों के अनुसार कर्म करते हैं, लेकिन उनका अगला जन्म ईश्वर के निर्णय पर निर्भर करेगा, न कि उन पर।)

उत्तर - (घ) त्रिविधं नरकस्य द्वारम्|(नरक का यह द्वार, जो आत्मा का नाश करने वाला है, तीन प्रकार का है-आवेश, क्रोध और लालच भी। इसलिए इन तीनों का त्याग करना चाहिए।)

Learn more: एकपदेन  उत्तराणि.

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