India Languages, asked by arje3865, 1 year ago

प्रश्नपत्रादतिरिच्य स्वपाठ्यपुस्तकात् श्लोकद्वयं लिखत।

Answers

Answered by loyal123
3

Answer:

Question paper, autobiography, textbook

Explanation:

this is the translation

Answered by coolthakursaini36
3

1. परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्|

वर्जयेत् तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम्||

व्याख्या-> मुँह के सामने प्रिय बोलने वाले और पीठ के पीछे काम बिगाड़ने वाले इस तरह के मित्र को त्याग देना चाहिए ऐसे मित्र विष के उस घड़े के समान होते हैं जिसके मुख में तो अमृत होता है और नीचे विष|

2. धन-धान्य प्रयोगेषु विद्याया: संग्रहेषु च|

आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्||

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