प्रश्र-1 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पदिए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
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क्या आप लोगों ने कभी शुद्ध हृदय से इस पर विचार किया है कि माता, मातृभूमि और मातृभाषा का आय पर कुछ ऋण
भी है या नहीं? एक जननी आप को जन्म देती है,एक की गोद में खेल-कूट कर और खा-पीकर आप पुष्ट होते हैं और एक
आपको अपने भावों को प्रकट करने की शक्ति दे, आपके सांसारिक जीवन को सुखमय बनाती है। जिसका आप पर इतना
उपकार है, उसके लिए कुछ करना क्या आपका परम कर्तव्य नहीं है। प्यारे भाइयों उठो, आलस्य छोदी, कमर कसी और
अपनी मातृभाषा की सेवा में तत्पर हो जाओ, अपने को मातृ ऋण से मुक्त करी। संसार में सपूत कहलाओ और मातृसेवकों
में अपनी कीर्ति छोड़ जाओ। परंतु ध्यान रहे, यह व्रत साधारण नहीं है।इस व्रत का पालन करना तलवार की धार पर चलने
के समान है।
1. हमारे ऊपर किसका उपकार
कमाता का
ख. मातृभाषाका
ग, मातृभूमि का
घ, मातृ सेवकों का
2. लेखक किस की सेवा करने के लिए कह रहा है?
क. मातृभाषा की
ख, माता और मातृभूमि की
ग. माता, मातृभूमि और मातृभाषा की
घ. संसार की
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dont know buddy
please mark as brainliest ...
heheehee
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