प्रथा 2 निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उ
इस समाधि में छिपी हुई है. एक राख की ढेरी।।
जलकर जिसने स्वतंत्रता की दिव्य आरती फेरी।।
यहीं कहीं पर बिखर गई है वह, भग्न विजय-माला सी।
उसके फूल यहां संचित है वह स्मृति-शाला सी।।
सहे वार पर वार अंत तक, लड़ी वीर बाला- सी।।
आहुति-सी गिर चढ़ी चिता पर,चमक उठी ज्वाला- सी।।
रानी से भी अधिक हमें अब,यह समाधि है प्यारी।।
यहां निहित है स्वतंत्रता की,आशा की चिंगारी।।
1. अंतिम लीला- स्थली किसे कहा गया है और क्यों?
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