पुस्तक का महत्व बताते हुए अपने मित्र को एक अनौपचारिक पत्र लिखिए
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प्रिय मित्र _____ (मित्र का नाम)
सप्रेम नमस्कार ,
तुम वहा कैसे हो ? मैं आशा करता हूँ कि तुम सब कुशलतापिर्वक हो । तुम्हारा पत्र मिला ओर मुझे थोड़ा दुख हुआ क्योंकि तुम्हे पढ़ाई और पुस्तके अच्छी नहीं लगती । क्या तुम्हें पता है कि पुस्तकें एक मित्र के समान हमारे विकास में सहायता करती हैं। जिस प्रकार अगर एक पत्ता हवा के साथ मित्रता करके उसके साथ ऊँचें उड़ता है। उसके बिना वह मिट्टी में मिल जाता है। उसी प्रकार अच्छी पुस्तकों के साथ अपना नाता जोड़ कर अर्थात अच्छी पुस्तकों से प्रेरणा प्राप्त करके हम भी विकास की चरम सीमा तक पहुँच सकते हैं। मैं आशा करती हूं कि तुम्हे पुस्तकों के महत्व समझ मे आ गया होगा । अपने भाई , बहन और घर के सभी बड़े लोगो को मेरा नमस्ते कहना ।
तुम्हारा मित्र
_______ (अपना नाम)
Hope it's helpful
Plz
Mark me as brainlist
Answer:
दिनांक: __________
__________ (भाई का पता)
प्रिय भाई __________ (भाई का नाम),
शुभ आशीष।
मैं यहां पर सकुशल हूं और तुम्हारी कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं।
आज मैं विद्यालय में पुस्तकालय का क्या महत्व है इस बारे में तुम्हें कुछ बताना चाहता हूं। एक कहावत तो तुम ने सुनी होगी कि पुस्तकें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। जिसको पुस्तकें पढ़ने का शौक है वह इंसान सामान्य ज्ञान और अन्य जानकारी के क्षेत्र में कभी भी पीछे नहीं रहता। पुस्तकें हमें हर क्षेत्र का ज्ञान देती हैं चाहे वह विद्यालय के विषय में हो या साहित्य संबंधित हो यह सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए विद्यालय में पुस्तकालय का होना बहुत आवश्यक है। पुस्तकालय से जरूरतमंद छात्र अपने विषय की पुस्तकें ले सकते हैं उन्हें समय पर वापस कर के दूसरी पुस्तकें ले सकते हैं या उन्हीं पुस्तकों को पुनः जारी करवा सकते हैं ।
पुस्तकालय का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है हमें अपने विद्यालय के पुस्तकालय का कार्ड ले लेना चाहिए और आवश्यकतानुसार वहां से पुस्तके जारी करवानी चाहिए तथा समय पर वापस जमा करनी चाहिए जिससे अन्य जरूरतमंद छात्र उन्हीं पुस्तकों को प्राप्त कर सकें ।
आशा है तुम्हें मेरी यह बात अच्छी तरह समझ में आ गई होगी।
तुम्हारा,