पीसलैंड नामक शहर में फिएस्ता फुटबॉल टीम के समर्थकों को पता चलता है कि पास के एक शहर में जो वहाँ से लगभग 40 कि.मी. है, जुबली फुटबॉल टीम के समर्थकों ने खेल के मैदान को खोद दिया है। वहीं अगले दिन दोनों टीमों के बीच अंतिम मुकाबला होने वाला है। फिएस्ता के समर्थकों का एक झुंड घातक हथियारों से लैस होकर अपने शहर के जुबली समर्थकों पर धावा बोल देता है। इस हमले में दस लोग मारे जाते हैं, पाँच औरतें बुरी तरह जख्मी होती हैं, बहुत सारे घर नष्ट हो जाते हैं और पचास से ज्यादा लोग घायल होते हैं। कल्पना कीजिए कि आप और आपके सहपाठी आपराधिक न्याय व्यवस्था के अंग हैं। अब अपनी कक्षा को इन चार समूहों में बाँट दीजिए-
1. पुलिस 2. सरकारी वकील 3. बचाव पक्ष का वकील 4. न्यायाधीश नीचे दी गई तालिका के दाएँ कॉलम में कुछ ज़िम्मेदारियाँ दी गई हैं। इन जिम्मेदारियों को बाई ओर दिए गए अधिकारियों की भूमिका के साथ मिलाएँ। प्रत्येक टोली को अपने लिए उन कामों का चुनाव करने दीजिए जो फिएस्ता समर्थकों की हिंसा से पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक हैं। ये काम किस क्रम में किए जाएँगे? भूमिकाएँ कार्य पुलिस गवाहों को सुनना
सरकारी वकील गवाहों के बयान दर्ज करना बचाव पक्ष का वकील गवाहों से बहस करना न्यायाधीश जले हुए घरों की तस्वीरें लेना
सबूत दर्ज करना फिएस्ता समर्थकों को गिरफ्तार करना फैसला लिखना पीड़ितों का पक्ष प्रस्तुत करना यह तय करना कि आरोपी कितने साल जेल में रहेंगे
अदालत में गवाहों की जाँच करना फैसला सुनाना
हमले की शिकार महिलाओं की डॉक्टरी जाँच कराना
निष्पक्ष सुनवाई करना आरोपी व्यक्तियों से मिलना ।
अब यही स्थिति लें और किसी ऐसे विद्यार्थी को उपरोक्त सारे काम करने के लिए कहें जो फिएस्ता क्लब का समर्थक है। यदि आपराधिक न्याय व्यवस्था के सारे कामों को केवल एक ही व्यक्ति करने लगे तो क्या आपको लगता है कि पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा? क्यों नहीं?
आप ऐसा क्यों मानते हैं कि आपराधिक न्याय व्यवस्था में विभिन्न लोगों को अपनी अलग-अलग भूमिका निभानी चाहिए? दो कारण बताएँ।
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पुलिस, सरकारी वकील, बचाव पक्ष का वकील तथा न्यायाधीश निम्नलिखित ढंग से अपने कार्य को करेंगे :
(1) पुलिस :
- फेस का समर्थकों को गिरफ्तार करना।
- जले हुए घरों की तस्वीर लेना।
- हमले की शिकार महिलाओं की डॉक्टरी जांच कराना।
(2) सरकारी वकील :
- अदालत में गवाहों की जांच करना।
(3) बचाव पक्ष का वकील :
- आरोपी व्यक्तियों से मिलना।
- गवाहों से बहस करना।
- पीड़ितों का पक्ष प्रस्तुत करना।
(4) न्यायधीश :
- निष्पक्ष मुकदमा चलाना।
- गवाहों को सुनना।
- गवाहों के बयान दर्ज करना
- सबूत दर्ज करना।
- फैसला सुनाना।
- यह तय करना कि आरोपी कितने साल जेल में रहेंगे।
- फैसला लिखना।
निष्पक्ष सुनाई एवं न्याय के लिए यह आवश्यक है कि चारों प्रकार के कार्य अलग-अलग लोगों या संस्थाओं द्वारा किऐ जाने चाहिए। यदि सभी कार्य एक ही व्यक्ति द्वारा किए जाएंगे तो अभियोगी को न्याय नहीं मिल पाएगा। अतः आपराधिक न्याय से संबंधित चारों प्रकार के कार्य अलग-अलग लोगों द्वारा किए जाने चाहिए।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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