Hindi, asked by susilsaikia64, 10 months ago

पाठ-3
धैर्य का पाठ
(जातक कथा)
गौतम बुद्ध के जीवन से संबंधित नीतिपरक कथाओं को हम जातक कथा
के रूप में जानते हैं। इस पाठ में धैर्य के महत्व के बारे में बताया गया है।


पुराने जमाने की बात है।
गौतम बुद्ध एक गाँव से दूसरे गाँव
पैदल (जा रहे थे। साथ में उनके
शिष्य भी थे। उस दिन बहुत
गर्मी थी। क्षणभर विश्राम के
लिए वे एक वृक्ष के नीचे तृण
पर बैठ गए। उन्होंने एक शिष्य
से कहा- "बहुत प्यास लगी
है। कहीं से थोड़ा जल ले
आओ।" शिष्य ने आस-पास



-
देखा। वहाँ एक छोटा-सा पोखर था।
पोखर में एक बैल जल पी रहा था।
शिष्य वहीं से जल लेने के लिए आगे
बढ़ा। उसे देखकर बैल डर गया और
जल से होता हुआ निकल भागा। इससे
जल गंदा हो गया। शिष्य ने सोचा-"गंदा
जल गुरु के लिए ले जाना ठीक नहीं
होगा।" ya path ka question ha ​

Answers

Answered by sanchitsharma61
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Answer:

pata nahi

Explanation:

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