Hindi, asked by ayushichoubey7429, 10 months ago

पाठ पढ़ते−पढ़ते आपको भी अपने माता−पिता का लाड़−प्यार याद आ रहा होगा। अपनी इन भावनाओं को डायरी में अंकित कीजिए।

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Answered by nikitasingh79
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पाठ (माता का आंचल) पढ़ते−पढ़ते मुझे भी अपने माता−पिता का लाड़−प्यार याद आ रहा था।  अपनी इन भावनाओं को डायरी में निम्न प्रकार अंकित किया है :  

बचपन में हमें भी सुबह सवेरे मां बड़े प्यार से जगाया करती थी। जल्दी-जल्दी नहला -धुलाकर तथा साफ कपड़े बनाकर फिर हमें खेलने के लिए भेज देती थी। पिताजी हमें अपने कंधे पर बैठाकर दूर तक झुलाया करते थे।

कभी-कभी आंगन में अपनी पीठ पर बैठाकर घोड़े की तरह झुला दिया करते थे। कभी-कभी वह हमें अपने साथ लेकर नदी में नहाने के लिए जाते थे और अपनी गोदी में लेकर पानी में खूब डुबकिया लगाते थे। कई बार पिताजी हमें अपने साथ खेतों में घुमाया करते थे।

मां अपने आंचल में बिठा कर हमें दूध पिलाती थी और भोजन खिलाते  थी।  पेट भर जाने पर भी हमसे और खाने के लिए कहती थी।  बच्चों के साथ बाहर खेलने जाते तो बड़े प्यार से समझा बुझाकर भेजती थी । अनेक नसीहतें देती थी।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न‌:  

प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है?

https://brainly.in/question/9051103

 

2. आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?

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Answered by ak3263110
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मुझे भी मेरे बचपन की एक घटना याद आ रहीं है। मैं आँगन में खेल रहा था कुछ बच्चें पत्थर से पेड़ पर फँसी पतंग निकालने का प्रयास कर रहे थे। एक पत्थर मुझे आँख पर लगा। मैं जोरों से रोने लगा। मुझे पीड़ा से रोता हुआ देखकर माँ भी रोने लगी फिर माँ और पिता जी मुझे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने जब कहा डरने की बात नहीं है तब दोनों की जान में जान आई।

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