पृथ्वी पर बनने वाले दिन और रात की प्रक्रिया को एक चित्र बनाकर समझाएं
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Explanation:
हर बीमारी के पीछे कोई ना कोई कारण छिपा होता है कि कोई बिमारी शरीर में आई कैसे। क्योंकि बिना कारण के कुछ नहीं होता है। हर किसी बात के पीछे कारण होता है और एक ऐसा ही कारण पृथ्वी के साथ भी है। जिससे जुड़ा हर एक तत्व, ग्रह या उपग्रह उसपर कोई भी प्रभाव डालता है तो उसके पीछे कोई ना कोई कारण छिपा होता है। अब यदि हम प्रभाव की बात करें तो वह है दिन और रात कैसे होते हैं?
आपने भी सुना होगा दिन-रात होना कोई चमत्कार नहीं एक प्रभाव है। जिसे आज हम आपको बताएंगे कि आखिर दिन-रात होने के पीछे के कारण होता हैं और क्यों दिन में ही दिन होता है और रात में ही क्यों रात होती है।
इन सब बातों को कभी ना कभी आपने किताबों में पढ़ा होगा क्योंकि शुरुआत से ही प्रकृति से जुड़ी बातों को हमें पढ़ाया जाता है।
लेकिन बचपन की सभी बातें याद नहीं रहती। जिसके चलते इन बातों को वक्त के साथ जानना जरूरी हो जाता है। पृथ्वी पर सूर्य अस्त होना और सूर्य उदय होना दिन और रात को दर्शाते हैं। पृथ्वी पर सूर्य के प्रकाश का आने का एक समय निर्धारित है, जो अपने अवधि में रहकर रोशनी देता है और दिन निकल जाता है।
पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है, जिस चक्कर को पूरा करने में 365 दिन 6 घंटे और 48 मिनट लग जाते हैं। पृथ्वी को अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करने के लिए 24 घंटे लगते हैं। चुंकि, पृथ्वी गोल है और सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। चक्कर लगाते समय लगभग गोलाकार आधा हिस्सा ही सूर्य के सामने रह जाता है। जिसपर सूर्य की रोशनी पड़ती है और तभी पृथ्वी पर दिन निकल जाता है। वैसे ही जो हिस्सा प्रकाश से छिप जाता है। वहां रात हो जाती है यानी उस हिस्से में केवल अंधेरा ही रह जाता है।
सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर उसके गोलाकार में होने के कारण उन हिस्सों पर पड़ता जो सूर्य की तरफ होते हैं और बाकी हिस्से अंधेरे में रह जाते है।
पृथ्वी पर कई जगह ऐसी भी है, जहां लगातार सूर्यास्त होता रहता है या कई महीनों तक सूर्य उदय ही रहता है।
नॉर्वे ऐसी ही जगह में से एक है। जहां पर लगभग 6 महीने तक सूर्य डूबता नहीं हैं। यह केवल पृथ्वी की गति के कारण होता है, क्योंकि अपनी धुरी पर घूमने के कारण पृथ्वी के कई भागों पर प्रकाश नहीं पहुंच पाता। इसी से दिन और रात में निर्धारित हो जाते हैं।
इस तरह से सूर्य के प्रकाश वाले हिस्से में दिन और सूर्य से छिपे हुए हिस्से में रात होती है। इन सब से साबित होता है कि ब्रह्मांड में हर क्रिया के पीछे कोई ना कोई कारण छिपा होता है और जिन्हें समझ कर जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।