Pad parichay of sanskrit words vrakchan
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मेरा नाम क्षितिज है।
* मैं रायगंज में रहता हूँ।
* मैं शारदा विद्या मंदिर में पढ़ता हूँ।
* मुझे खेलना बहुत पसंद अच्छा लगता है।
इस प्रकार अपने बारे में बताने को परिचय देना कहते हैं। जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है।वाक्य में जो शब्द होते हैं,उन्हें ‘पद’ कहते हैं।उन पदों का परिचय देना ‘पद परिचय’ कहलाता है।
पद परिचय में किसी पद का पूर्ण व्याकरणिक परिचय दिया जाता है। व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है-- वाक्य में उस पद की स्थिति बताना , उसका लिंग , वचन , कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
पद पाँच प्रकार के होते हैं- संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया तथा अव्यय । इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
संज्ञा का पद परिचय
संज्ञा का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए :--
1.संज्ञा का भेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ पद का संबंध
जैसे- अपूर्वा पत्र लिखती है।
अपूर्वा -- व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, 'लिखती है' क्रिया का कर्ता।
पत्र -- जातिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , कर्मकारक , ‘लिखती है’ क्रिया का कर्म।
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सर्वनाम का पद परिचय
सर्वनाम का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.सर्वनाम का भेद उपभेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ संबंध
जैसे- 1. गोलू ने उसे बहुत मारा।
उसे --पुरूषवाचक सर्वनाम,अन्य पुरूष,उभय लिंग,एकवचन,कर्म कारक,‘मारा’ क्रिया का कर्म।
2 .मेघा और हम मेला देखने गए।
हम - पुरूषवाचक सर्वनाम,उत्तम पुरूष,पुल्लिंग,
बहुवचन, कर्ता कारक ‘देखने गए’ क्रिया का कर्ता।
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विशेषण का पद परिचय
विशेषण का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.भेद,उपभेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.विशेष्य
जैसे-
1.क्षितिज पहली कक्षा में पढ़ता है।
*पहली- संख्यावाचक विशेषण , निश्चित संख्यावाचक विशेषण, स्त्रीलिंग , एकवचन , अधिकरण कारक, ‘कक्षा’ का विशेषण |
2. यह पुस्तक अप्पू की है।
* यह - सार्वनामिक विशेषण,स्त्रीलिंग,
एकवचन,‘पुस्तक’ का विशेषण।
3. अथर्व बहुत शैतान लड़का है।
*बहुत प्रविशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक, ‘शैतान’ का विशेषण ।
*शैतान- गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, कर्मकारक, ‘लड़का’ का विशेषण ।
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क्रिया का पद परिचय
क्रिया का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.भेद (कर्म के आधार पर)
2.लिंग
3.वचन
4.धातु
5.काल
6.कर्ता का संकेत
जैसे -
1 .स्निग्धा निबंध लिखती है।
*लिखती है - सकर्मकक्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘लिख’धातु, वर्तमानकाल, स्निगधा इसकी कर्ता
2. बच्चे रोज़ स्कूल जाते हैं।
*जाते हैं- अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, बहुवचन,
‘जा’ धातु , वर्तमान काल, ‘बच्चे’ इसके कर्ता ।
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अव्यय : क्रिया विशेषण
क्रिया विशेषण का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए :--
1.भेद
2.उपभेद
3.विशेष्य-क्रिया का निर्देश।
जैसे-
वीणा रोज सवेरे धीरे-धीरे टहलती
है।
1. रोज सवेरे-क्रिया विशेषण, कालवाचक क्रिया विशेषण, ‘टहलती है’ क्रिया का विशेषण
2 .धीरे धीरे-क्रिया विशेषण, रीतिवाचक क्रिया विशेषण, ‘टहलती है’ क्रिया की विशेषता बताता है।
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अव्यय : समुच्चयबोधक (योजक)
समुच्चयबोधक का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए :--
1.भेद
2.उपभेद
3.संयुक्त शब्द अथवा वाक्य
जैसे-
1.देवजानी और श्रेयांश भाई-बहन हैं।
* और- समुच्चयबोधक अव्यय, समाधिकरण योजक, ‘देवजानी’ और ‘श्रेयांश’ शब्दों को मिला रहा है।
MARK ME THE BRAINLIEST ANSWER.
Answer:
Ramesh Imaandaar aur Vishwas ke layak ladka hai