Hindi, asked by nehakumari2335, 11 months ago

पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है ?

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Answered by bhatiamona
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Answer:

पहले पद में मीरा ने प्रभु हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती उनके पिछले रूपों अर्थात अवतारों की याद दिला कर की है। मीरा कहती हैं कि जब हे प्रभु जब द्रोपदी को आपकी जरूरत पड़ी तो भरी सभा में आपने उसकी लाज की रक्षा की थी। प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भी आपने नरसिंह का रूप धारण करके हिरणकश्यप का नाश किया और प्रहलाद की रक्षा की।

मगरमच्छ के जबड़े में फंसे हुए गजराज ने जब आपको पुकारा तब आप तुरंत उसकी रक्षा के लिये दौड़े आये। हे प्रभु आप अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए कोई ना कोई रूप धारण करके आते हो। उसी प्रकार मेरी भी संकट से रक्षा करने के लिए आप किसी रूप में आओ और मुझे पीड़ा मुक्त करो। इस पद में मीरा हरि से सांसारिक बंधनों से मुक्ति के लिए प्रार्थना कर रही हैं।

Answered by sainisabh1020
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मीरा श्री.कृष्ण को सम्बोधित करते हुए कहती हैं कि हे श्री कृष्ण! आप सदैव अपने भक्तों की पीड़ा दूर करते हैं। प्रभु जिस प्रकार आपने द्रौपदी का वस्त्र बढ़ाकर भरी सभा में उसकी लाज रखी, नरसिंह का रुप धारण करके हिरण्यकश्यप को मार कर प्रह्लाद को बचाया, मगरमच्छ ने जब हाथी को अपने मुँह में ले लिया तो उसे बचाया और पीड़ा भी हरी। हे प्रभु! इसी तरह मुझे भी हर संकट से बचाकर पीड़ा मुक्त करो। मीरा सांसारिक बंधनों से मुक्ति के लिए भी विनती करती हैं।

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