Pahiye Ki Atmakatha in Sanskrit
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मैं एक गाड़ी का सुंदर पहिया हूँ। मैं सबसे पहले एक लोहार के पास था। उसने मुझे ये गोल आकार दिया। उसने उसके बाद मुझे एक रबर की दुकान में भेज दिया। वहां एक कारीगर ने मेरी नाप ली और मेरे बराबर का एक गोल रबर बनाया। उसने मेरे स्टील के फ्रेम पर वह रबर चढ़ाया।
फिर मेरा मालिक मुझे एक कारखाने में ले गया। उस कारखाने के मालिक ने कुछ रूपये देकर मुझे खरीद लिया। उसने मुझे अन्य पहियों के साथ रख दिया। मैंने देखा कि वहां पर मेरे जैसे और अनेक पहिये थे। मेरी उनसे दोस्ती हो गयी।
शाम को हमलोगों ने खूब इधर उधर दौड़ लगाई और तरह तरह के खेल खेले। सुबह मालिक ने आकार चार पहियों को चुना। उनमें से मैं भी एक था। हम लोग बहुत खुश हुए कि हम लोगों को बाहर घूमने का अवसर मिलेगा। उसने हमलोगों को एक कार में फिट कर दिया। जब कार चलने लगी तो वह हमलोगों को देखकर बहुत खुश हुआ।
उस समय से मैं अपने साथियों के साथ इस गाड़ी में लगा हुआ हूँ। हमें प्रतिदिन सैर करने का अवसर मिलता है और हम बहुत खुश रहते हैं।
THIS IS IN HINDI CONVERT INTO SANSKRIT