पक्षी बाग छोड़कर नहीं उड़े। (भाव वाच्य में बदलिए)
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पक्षी बाग छोड़कर नहीं उड़े।
इस वाक्य को भाव वाच्य में बदलने पर वाक्य इस प्रकार होगा...
पक्षी से बाग छोड़कर नही उड़ा जाता।
क्रिया के जिस रूप में न तो वहाँ कर्ता की प्रधानत हो और न ही कर्म की प्रधानता हो, बल्कि वहाँ पर भाव ही प्रधान हो, तो वहाँ भाववाच्य होता है।
भाववाच्य में विशेषतः अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है। भाववाच्य में अक्सर निषेधात्मक वाक्य ही होते हैं। भाववाच्य वाक्यों में क्रिया सदैव पुल्लिंग और अन्य पुरुष के एकवचन की ही होती है।
किसी वाक्य में वाच्य क्रिया का वह रूप है, जिससे ये पता चले कि वाक्य में कर्ता प्रधान है, कर्म प्रधान है अथवा भाव प्रधान है।
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Pakshi se baag chorkar nahi ura jata...
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