परंपरागत और अपारंपरिक सुरक्षा में क्या अंतर है? गठबंधन का निर्माण करना और उनको बनाए रखना इनमें से किस कोटि में आता है ?\
Answers
"सुरक्षा की विभिन्न धारणाओं को दो श्रेणियों में रखा जाता है
1 सुरक्षा की पारंपरिक धारणा
2. सुरक्षा की अपारंपरिक धारणा
दोनों में मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं
1. पारंपरिक धारणा का संबंध मुख्यत: बाहरी सुरक्षा से होता है यह सुरक्षा मुख्यतः राष्ट्रीय की सुरक्षा की धारणा से संबंधित होती है| जबकि अपारंपरिक सुरक्षा की धारणा ने केवल सैनिक खतरों से संबंध रखती है बल्कि इसमें मानवे अस्तित्व पर चोट करने वाले अन्य व्यापक खतरों और आशंकाओं को भी शामिल किया जाता है|
2. सुरक्षा की पारंपरिक धारणा में सैन्य खतरे को किसी देश के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक समझा जाता है इसमें भू क्षेत्रों और संस्थाओं सहित राज्यों को संदर्भ माना जाता है जबकि अपारंपरिक धारणा में संदर्भों का दायरा बड़ा होता है अर्थात इसमें संपूर्ण मानवता की सुरक्षा की जरूरत होती है इसलिए इसे मानवता की सुरक्षा अथवा विश्व सुरक्षा भी कहा जाता है|
3. बाहरी आक्रमण होने पर न केवल उस देश की सेना बल्कि आम नागरिकों के जीवन को भी खतरा होता है जबकि अपारंपरिक धारणा के अनुसार मानवता को विदेशी सेना के हाथों मारे जाने के साथ साथ स्वयं अपनी ही सरकारों के हाथों से बचाना भी उतना ही जरूरी है| विद्वानों के विचाराअनुसार है कि पिछले 100 वर्षों में जितने लोग विदेशी सेना के हाथों मारे गए उससे कहीं ज्यादा लोग खुद अपनी ही सरकार के हाथों मारे जाते रहे हैं|
4. पारंपरिक धारणा में बाहरी सुरक्षा के खतरे का स्रोत कोई दूसरा देश होता है जबकि अपारंपरिक धारणा में नागरिकों को विदेशी हमलों से बचाना भले ही उनकी सुरक्षा की जरूरी शर्त हो लेकिन इतने भर को पर्याप्त नहीं माना जाता |"
Explanation:
suraksha suraksha ke aprampaar khatre kya hai first Karen