paragraph on Ma ka mahatva
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उन दिनों की बात है, जब मेरे स्कूल में गरमी की छुट्टियाँ पड़ी हुई थी। मैं सारा-सारा दिन धूप में खेलती रहती। माँ मना किया करती थी कि बाहर बहुत गरमी है। इतनी गरमी में नहीं खेलना चाहिए। लेकिन मैंने माँ की एक बात नहीं मानी। एक दिन माँ के सो जाने पर मैं घर से बाहर निकल गई व अपनी सहेलियों के साथ दिनभर खेलती रही। उस दिन अधिक गरमी हो रही थी। अचानक में बेहोश हो गई। मेरी सहेलियों ने माँ को बुलाया। मेरे कारण माँ बहुत परेशान रही। डॉक्टर ने बताया कि गरमी में खेलने के कारण ऐसा हुआ है। माँ मेरी दिन-रात सेवा करती रही। वह मेरे लिए नाना प्रकार के खिलौने लाईं। वह मेरे साथ खेलती ताकि मैं बाहर न जाऊँ। इस घटना ने मुझे इस बात का एहसास कराया कि माँ मुझे कितना स्नेह करती है और एक बच्चे के जीवन में माँ का क्या महत्व होता है।
मैं और मेरी माँ हम दोनों का रिश्ता सखियों जैसा है। वह कभी मेरे साथ माँ जैसा व्यवहार नहीं करती। वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। उनके साथ जो खुशी मुझे मिलती है, वह अन्य किसी के साथ नहीं मिलती। माँ के बिना मैं अपनी कल्पना भी नहीं कर सकती। माँ भी मेरे बिना एक पल नहीं रह पाती। मेरे कारण वह बाहर ज्यादा आती-जाती भी नहीं है। मेरे परीक्षा के दिनों में तो वह मेरे साथ ही पूरी-पूरी रात जागती रहती हैं कि मुझे किसी चीज की जरूरत न पड़ जाए। मेरी माँ और मैं एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। मैं उनकी सबसे प्यारी बेटी हूँ आैर वो मेरी सबसे प्यारी माँ।
हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण इंसान हमारी माँ होती है जो एक वास्तविक प्रकृति की तरह हमेशा हमारी परवरिश करती है। वो हमेशा हमारे साथ रहती है और हर पल हमारा ध्यान रखती है। ढ़ेर सारे दुख और पीड़ा सहकर वो हमें अपनी कोख में रखती है जबकि उसके वास्तविक जीवन में वो हमेशा हमारे बारे मे सोचकर खुश हो जाती है। बिना किसी शिकायत के वो हमें जन्म देती है। पूरे जीवन भर हम उसके खरे प्यार और परवरिश की तुलना किसी और से नहीं कर सकते इसलिये हमें हमेशा उसको प्यार और सम्मान देना चाहिये। हर वो इंसान जिसके पास माँ है वो दुनिया का सबसे खुशनसीब व्यक्ति है और उसे भगवान से ढ़ेर सारा आशीर्वाद मिला हुआ है।
एक माँ बेहद सामान्य महिला होती है जो अपने बच्चों की खुशी के आगे अपनी खुशी को कुछ नहीं समझती। वो हमेशा हमारी हर क्रिया और हँसी में अपनी रुचि दिखाती है। उसके पास एक स्वार्थहीन आत्मा है और प्यार तथा जिम्मेदारी से भरा दयालु दिल है। आत्मशक्ति से भरी वो एक ऐसी महिला है जो हमें जीवन के सबसे कठिन चुनौती का सामना करना सीखाती है। जीवन की सभी कठिनाईयों से उभारती है. वो हमें हमेशा हमारे जीवन में अच्छे चीजों को पाने के लिये प्रेरित करती है। वो सभी के जीवन की पहली अध्यापक होती है जिसकी शिक्षा पूरे जीवन भर कीमती और लाभप्रद साबित होती है।
माँ पर निबंध 4 (250 शब्द)
किसी के भी जीवन में एक माँ पहली, सर्वश्रेष्ठ और सबसे अच्छी व महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि कोई भी उसके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता। वो एकमात्र ऐसी है जो हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है। अपने जीवन में दूसरों से ज्यादा वो हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है जितना कि हम काबिल नहीं होते है। अपने जीवन मे वो हमें पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की झलक देती है। जिस दिन हम पैदा होते है वो माँ ही होती है जो सच में बहुत खुश हो जाती है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें।
माँ और बच्चों के बीच में यहाँ एक खास बंधन होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश को अपने बच्चे के लिये कम नहीं करती और हमेशा अपने हर बच्चे को बराबर प्यार करती है लेकिन उनके बुढ़ापे में हम सभी बच्चे मिलकर भी उसे थोड़ा सा प्यार नहीं दे पाते है। इसके बावजूद वो हमें कभी गलत नहीं समझती और हमेशा एक छोटे बच्चे की तरह माफ कर देती है। वो हमारी हर बात को समझती और हम उसे बेवकूफ नहीं बना सकते है।
हमारे जीवन में माँ के रुप में कोई भी नहीं हो सकता है। हम भी हमेशा पूरे जीवन भर अपने माँ का ख्याल रखते है।