Hindi, asked by SANAALI3665, 1 year ago

परशुराम के उपदेश कविता में देशवासियों को स्वाधीनता के संघर्ष की प्रेरणा दी गई है आज के संदर्भ में क्या यह कविता प्रासंगिक है उदाहरण दीजिए

Answers

Answered by mchatterjee
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जी,हां आज भी उनकी यह कविता प्रासंगिक है क्योंकि देश भले ही आज आजादी का ७० साल का जश्न मना रहा है। लेकिन वास्तव में यह आजादी का नहीं बंदिश का जश्न है।

आज भी लोगों की सोच में जंग लगे हैं। आज भी औरतों के प्रति लोगों की मानसिकता वहीं पुरानी है।

आज भी जुंबा पर बेटी-बेटा को समान कहने वाले बेटी और बहु में फर्क करते हैं।

आज भी शोषण का शिकार हो रहा है समाज का पिछड़ा वर्ग।

न जाति-धर्म का भेद बदला। न लोग ही आजाद हुए तो फिर कैसे हुए हम स्वतंत्र।

इसलिए परशुराम जी की यह कविता आज भी प्रासंगिक है।
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