Hindi, asked by shritiwadi2991, 9 months ago

Parivartan sansar ka niyam

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Answered by Anonymous
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Answer:

aaaap kya kah rahe ho??

Explanation:

Answered by bhavikachopra50
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परिवर्तन  प्रकृति का शाश्वत नियम है

हर घडी , हर पल बदल रहा है , यह सृष्टि का चक्र है ,इसके साथ ताल- मेल रखने के लिए, हमें समय के साथ निरंतर बदलाव लाना है ,चाहे जीवन में कितने भी उतार -चढाव आये , हमें बस निरंतर चलना है , नदी का पानी अगर बहता ही रहता है तो स्वच्छ निर्मल रहता है , अगर वह पानी बहने के जगह रुक जाये तो वह पानी एक तालाब का रूप ले लेता है और यही रूकावट एक दिन गन्दा पानी में तब्दील हो जाता है , नदी का पानी उतार चढाव के साथ या सर्पाकार होकर निरंतर बहते रहता है ,नदी का हर मोड़ के साथ बहना ही उसका निरंतर परिवर्तन है, ठीक हमारा जीवन भी समय के साथ परिवर्तित होते रहता है , उस समय की परिस्थिति से अपनी स्थिति का तालमेल रखने के लिए हमें अपने आप में परिवर्तन लानाआवश्यक है, इसलिए हमें परिवर्तन से डरना नहीं चाहिए बल्कि परिवर्तन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए तभी सफलता हासिल होगी अगर जीवन में प्रगति चाहते हो तो परिवर्तन होना स्वाभाविक है उसका हमें स्वीकार करना चाहिए, जैसे हर रात के बाद दिन होना स्वाभाविक है, वैसे परिवर्तन हमारे जीवन में एक स्वर्णिम सवेरा बनकर आता है जो हमारे जीवन में नव- निर्माण का कार्य करता है , " जीवन में आने वाली हर नई - परिस्थिति हमारे लिए वर्तमानमें परीक्षा और भविष्य में शिक्षा का कार्य करती है," जिसके अनुसार हम उस परिस्थिति पर विचार कर भविष्य के लिए सतर्क हो जाते है ,परिवर्तन का अंतराल थोड़ा कठिनाई भरा जरूर होता है, लेकिन हम परिवर्तन से डरे तो उन्नति भी बिना परिवर्तन संभव नहीं है.

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