Parvo ka desh bharat per nibandh in 150 to 200 words please write
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जीवन में एकरसता और बोरियत को दूर करने के लिए हर आयुवर्ग के लोग अपना-अपना
मनोरंजन करते है| पर त्यौहार एक ऐसा माध्यम है जो न सिर्फ जीवन को रुचिकर बना देता
है वरन पारिवारिक और सामाजिक सौहार्द भी कायम करता है| ये हर आयुवर्ग को समान रूप से
उत्साहित करता है| भारत अनेक प्रकार की जातियों, धर्मों, संस्कृतियों का संगम स्थल
है| यहाँ ईद के दिन हिन्दू मित्र मुस्लिम मित्रों के यहाँ सिवइयों का रस लेते है तो
मुस्लिम दीपावली- होली को हिन्दू मित्रों को मुबारकबाद देते हैहोलिका दहन हो या विजयादशमी, क्रिसमस हो या नवरात्रि सभी बुराई पर अच्छाई
की विजय का सन्देश देते है| बुराई कितनी भी प्रबल और शक्तिशाली हो अंततः उसे मिटना
ही पड़ता है|हम त्यौहार पर ये संकल्प ले सकते है कि हम भी अपने भीतर संचित बुरी आदते
व बुरी भावना का त्याग करेंगे और आदर्श व्यक्तित्व बनने का प्रयास करेंगेहालाँकि हर त्यौहार
इन्ही शुभ भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते है पर कुछ विकारग्रस्त मनुष्यों ने कुरीतियाँ
चलाकर मूल भावना को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास किया है| उदाहरणार्थ होली पर केमिकल
और घातक रंगो का जबरदस्ती प्रयोग करना, दीपावली पर घातक पटाखे चलाकर पर्यावरण को नुकसान
पहुचाना और ध्वनि प्रदूषण फैलाना| दीपावली पर जुआ खेलना, महंगे उपहारों का आदान-प्रदान
करना तथा हर त्यौहार पर खूब खर्च करके समाज में दिखावे की प्रतियोगिता को जन्म देना|निष्कर्षत:
हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम इन बुराइयों का बहिष्कार करें और त्यौहार अपने पारम्परिक
तरीके से मनाये| बाहरी दिखावे से बेहतर होगा हम अपने मन को उत्फुल्ल बनायें|