पस्तुत कविता में किस सप्रय का वर्णन है class 7 chapter 8
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आकाश का साफ़ा बांधकर
सूरज की चिलम खींचा
बैठा है पहाड़,
घुटनों पर पड़ी है चादर-सी,
अंधकार दूर पूर्व में
सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा।
अचानक-बोला मोर।
जैसे किसी ने आवाज़ दी-
'सुने हो'।
धुआं उठा-
सूरज डूबा
अंधेरा छा गया।
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