पशु पक्षियों का घर में किस प्रकार ध्यान रखना चाहिए। इस विषय पर पने मित्र को पत्र लिखिए ।
Answers
प्रिय मित्र आशीष,
तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारा कुशलता का समाचार पाकर मन बड़ा प्रसन्न हुआ। ये जानकर खुशी हुई कि तुमने अपने घर में एक नया कुत्ता पाला है। तुम्हारे घर में गाय पहले से ही पाली जाती हैं और तुमने एक तोता भी पाल रखा है। तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का पशु पक्षियों के प्रति अनुराग देखकर बड़ा अच्छा लगता है।
मैं तुम्हें कुछ सुझाव देना चाहूंगा ताकि तुम अपने घर पशु-पक्षियों की देखभाल बेहतर ढंग से कर सको।
हम अपने पशु-पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण की विषय में संसार के अन्य देशों के मुकाबले काफी पीछे हैं। हम बेजुबान जानवरों का दोहन करने अर्थात उनसे लाभ उठाने में आगे रहते हैं लेकिन उनकी देखभाल ध्यान से नही करते। हम अपने पालतू जानवरों के प्रति निर्दयता का व्यवहार करते हैं जबकि संसार के अन्य देशों में घर पाले जाने वाले पशु-पक्षियों के प्रति काफी जागरुकता है।
वो बेचारे बेजुबान जानवर हैं जो अपनी तकलीफ के बारे में बोल बता भी नही सकते। तब ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता कि जब कोई पशु-पक्षी पालें तो उसके प्रति पूरी तरह संवेदनशीलता का रवैया अपनायें और उसे बिल्कुल अपने घर के सदस्य की तरह समझें।
हमने ज्यादातर देखा है कि जब तक पशु या पक्षी हमारे लिये उपयोगी होता है तब तक तो हम पशुओं की खूब देखभाल करते हैं जैसे ही पशु बीमार हो जाता है या उपयोगी नहीं रहता, हम उनसे से अपना ध्यान हटा लेते हैं। ये बिल्कुल असंवेदनशील बात है और हमें बिल्कुल ऐसा नही करना चाहिये।
हमें अपने पशु-पक्षियों को अच्छा आहार खिलाना चाहिये। हम अक्सर हम अपने पशु-पक्षियों को जूठा या बचा-खुचा या बासी खाना दे देते हैं। ऐसा विषाक्त भोजन खाने से हमारा पालतू बीमार भी हो सकता है और उसकी जान पर भी बन आ सकती है।
हमें अपने पालतू को लावारिस हालत कभी भी नही छोड़ना चाहिये और उन पर बराबर नजर रखनी चाहिये ताकि वो हमारे आस-पड़ोस में किसी को नुकसान न पहुंचा दें।
इस भीषण गर्मी में यदि हो सकें तो पशु−पक्षियों के पीने के उचित पानी की व्यवस्था हो और उनके बैठने के लिये छायादार स्थान हो।
बारिश की स्थिति में ये सुनिश्चित करें कि वो खुले में न हों और किसी छतदार स्थान पर हों।
शीत ऋतु में भी उनके लिये ठंड से बचाव का उचित प्रबंध हो।
अपने पालतुओं को सारे आवश्यक टीके लगवा कर रखने ताकि वो किसी संक्रामक बीमारी से ग्रस्त न हों और समय-समय पर उनकी चिकित्सीय जांच कराती रहनी चाहिये।
जो भी पक्षी घर में हो तो उसके पिंजरे में पर्याप्त दाना-पानी मौजूद रहे इसका हमेशा ध्यान रखें।
मित्र ये कुछ सुझाव हैं जो मैंने तुम्हें इसलिये दिये हैं ताकि तुम अपने घर के पालतुओं की देखभाल और अच्छे ढंग से कर सको।
सदैव ध्यान रखो कि पशु-पक्षियों में संवेदना होती है और हमारा प्रेम और स्नेह पाकर वो हमारे प्रति और वफादार हो जाते हैं।
आशा है कि तुम मेरे सुझावों पर अवश्य ध्यान दोगे।
तुम्हारा
मित्र
Answer:
प्रिय मित्र आशीष,
तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारा कुशलता का समाचार पाकर मन बड़ा प्रसन्न हुआ। ये जानकर खुशी हुई कि तुमने अपने घर में एक नया कुत्ता पाला है। तुम्हारे घर में गाय पहले से ही पाली जाती हैं और तुमने एक तोता भी पाल रखा है। तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का पशु पक्षियों के प्रति अनुराग देखकर बड़ा अच्छा लगता है।
मैं तुम्हें कुछ सुझाव देना चाहूंगा ताकि तुम अपने घर पशु-पक्षियों की देखभाल बेहतर ढंग से कर सको।
हम अपने पशु-पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण की विषय में संसार के अन्य देशों के मुकाबले काफी पीछे हैं। हम बेजुबान जानवरों का दोहन करने अर्थात उनसे लाभ उठाने में आगे रहते हैं लेकिन उनकी देखभाल ध्यान से नही करते। हम अपने पालतू जानवरों के प्रति निर्दयता का व्यवहार करते हैं जबकि संसार के अन्य देशों में घर पाले जाने वाले पशु-पक्षियों के प्रति काफी जागरुकता है।
वो बेचारे बेजुबान जानवर हैं जो अपनी तकलीफ के बारे में बोल बता भी नही सकते। तब ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता कि जब कोई पशु-पक्षी पालें तो उसके प्रति पूरी तरह संवेदनशीलता का रवैया अपनायें और उसे बिल्कुल अपने घर के सदस्य की तरह समझें।
हमने ज्यादातर देखा है कि जब तक पशु या पक्षी हमारे लिये उपयोगी होता है तब तक तो हम पशुओं की खूब देखभाल करते हैं जैसे ही पशु बीमार हो जाता है या उपयोगी नहीं रहता, हम उनसे से अपना ध्यान हटा लेते हैं। ये बिल्कुल असंवेदनशील बात है और हमें बिल्कुल ऐसा नही करना चाहिये।
हमें अपने पशु-पक्षियों को अच्छा आहार खिलाना चाहिये। हम अक्सर हम अपने पशु-पक्षियों को जूठा या बचा-खुचा या बासी खाना दे देते हैं। ऐसा विषाक्त भोजन खाने से हमारा पालतू बीमार भी हो सकता है और उसकी जान पर भी बन आ सकती है।
हमें अपने पालतू को लावारिस हालत कभी भी नही छोड़ना चाहिये और उन पर बराबर नजर रखनी चाहिये ताकि वो हमारे आस-पड़ोस में किसी को नुकसान न पहुंचा दें।
इस भीषण गर्मी में यदि हो सकें तो पशु−पक्षियों के पीने के उचित पानी की व्यवस्था हो और उनके बैठने के लिये छायादार स्थान हो।
बारिश की स्थिति में ये सुनिश्चित करें कि वो खुले में न हों और किसी छतदार स्थान पर हों।
शीत ऋतु में भी उनके लिये ठंड से बचाव का उचित प्रबंध हो।
अपने पालतुओं को सारे आवश्यक टीके लगवा कर रखने ताकि वो किसी संक्रामक बीमारी से ग्रस्त न हों और समय-समय पर उनकी चिकित्सीय जांच कराती रहनी चाहिये।
जो भी पक्षी घर में हो तो उसके पिंजरे में पर्याप्त दाना-पानी मौजूद रहे इसका हमेशा ध्यान रखें।
मित्र ये कुछ सुझाव हैं जो मैंने तुम्हें इसलिये दिये हैं ताकि तुम अपने घर के पालतुओं की देखभाल और अच्छे ढंग से कर सको।
सदैव ध्यान रखो कि पशु-पक्षियों में संवेदना होती है और हमारा प्रेम और स्नेह पाकर वो हमारे प्रति और वफादार हो जाते हैं।
आशा है कि तुम मेरे सुझावों पर अवश्य ध्यान दोगे।
तुम्हारा
मित्र
मुकेश