Hindi, asked by neeraj846, 11 months ago

पथेर पांचाली फ़िल्म में इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी ढाई साल तक काम कर सकीं। यदि आधी फ़िल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय क्या करते? चर्चा करें।

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Answered by jayathakur3939
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प्रशन :- पथेर पांचाली फ़िल्म में इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी ढाई साल तक काम कर सकीं। यदि आधी फ़िल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय क्या करते? चर्चा करें।

उत्तर :- इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी का भी अगर आधी फ़िल्म बनने के बाद अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय, भूलो और श्रीनिवास की तरह ही उनसे मिलती-जुलती किसी अन्य वृद्धा को खोज कर लाते और फिल्म पूरी करते | सत्यजित राय यह भी कर सकते थे कि चेहरा सामने से ना दिखाकर, कहानी में भी कुछ परिवर्तन कर सकते थे जिससे इंदिरा ठाकरून की भूमिका कम हो जाती |वह आधी कहानी में उनकी मृत्यु हो गई है दिखाकर आगे की कहानी फिर से लिखते |

Answered by Dhruv4886
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पथेर पांचाली फ़िल्म में इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी ढाई साल तक काम कर सकीं। यदि आधी फ़िल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय मेरे हिसाब से निम्नोलिखित कदम लेते -

  • अस्सी बर्षीय चुन्नीबाला देबि की कद-काठी प्राप्त दूसरे कलाकार को ढूंढना लगभग असंभब है।अगर चुन्नीबाला देबि की तरह कोई दूसरा कलाकार नही मिलता तो बाकी दृश्य उस कलाकार के साथ बनाने पर फिल्म निरंतर नही बना रहता।
  • दूसरा उपाय ये था कि दूसरे कलाकार लेन पे फिल्म की कहानी बदलकर कुछ काट छाट किया जा सकता था, लेकिन सत्यजीत कहानी नही बदलते क्योंकि कहानी फिल्म की जान होता है।
  • तो वो उस नए कलाकार के साथ पूरा फिल्म के हर एक सीन को शूट करना होता जिसमे पैसा और समय दोनों ही लगता।
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