Hindi, asked by jotrandhawa9386, 9 months ago

तीन प्रसंगों में राय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं कि दर्शक पहचान नहीं पाते | कि... या फिल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि... इत्यादि। ये प्रसंग कौन से हैं, चर्चा करें और इसपर भी विचार करें कि शूटिंग के समय की असलियत फ़िल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है।

Answers

Answered by jayathakur3939
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उत्तर :-  फ़िल्म शूटिंग के समय तीन प्रसंग प्रमुख हैं : –

भूलो कुत्ते के स्थान पर दूसरे कुत्ते को भूलो बनाकर प्रस्तुत किया गया।

रेलगाड़ी से धुँआ उठवाने के लिए तीन रेलगाड़ियों का प्रयोग करना।

काशफूलों को जानवरों द्वारा खा जाने के बाद अगले मौसम में सीन के शेष भाग की शूटिंग पूरी करना।

श्रीनिवास का पात्र निभाने वाले कलाकार की मृत्यु के बाद दूसरे व्यक्ति से उसका शेष भाग की शूटिंग पूरी करवाना।

Answered by Dhruv4886
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तीन प्रसंगों में राय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं कि दर्शक पहचान नहीं पाते | कि... या फिल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि... इत्यादि। ये प्रसंग और इसपर भी विचार किया गया है कि शूटिंग के समय की असलियत फ़िल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है-

  • क. "भूलो" नामक कुत्ता के मृत्यु के बाद उस सीन को एक दूसरे कुत्ते के साथ फिल्माया जाना।
  • ख. रेलगाड़ी के दृश्य में धुया उठाने के दृश्य बास्तविक दिखने के लिए तीन रेलगाड़ी के साथ उसे फिल्माया गया था। जो दृश्य बड़ा था।
  • ग.श्रीनिबास की किरदार निभानेवाले कलाकार की मृत्यु के बाद उसके जैसे दिखनेवाले दूसरे कलाकार से बाकि दृश्य फिल्माया गया था।

फिल्म में दर्शक कहानी के चरित्र और घटनायों में डूबे रहते है, इसीलिए फिल्माने के समय जो मुश्किल आते है उनको ठीक करने के लिए अपनाएं गए पद्धति और चाल का पता दर्शक को नही चलता। ये पद्धति फिल्म की निरंतरता को बंजाये रखने के लिए अपनाया जाता है।

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