please give a 250 words essay on the following topic
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agee kuan peeche khai
जीवन में कभी कभी ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं जब आगे कुआँ और पीछे खाई होती है। हम ऐसे संकट में पड़ जाते हैं जिसमें से निकलना मुश्किल होता है। ऐसे समय पर कोई मित्र हमारी मदद कर सकता है। इसके संबंध में एक कहानी है।
एक तालाब के पास एक मेढक और एक सांप रहते थे। मेढक का नाम था हरिया और सांप का नाम रंगीला था। ऐसे मेढक और सांप एक दूसरे को नहीं पसंद करते हैं। पर हरिया और रंगीला एक दूसरे के मित्र थे। हरिया टर्र टर्र बोलता था तो रंगीला नाचता था। उन दोनों की मित्रता को देखकर सब खुश होते थे।
एक दिन एक सपेरा आया। वह रंगीला को पकड़कर ले जाना चाहता था और लोगों को उसका नाच दिखाकर पैसे कमाना चाहता था। जब हरिया ने देखा कि उसके मित्र पर मुसीबत आई है। उसने एक योजना बनाई।
जब सपेरा रंगीला को अपनी डलिया में बंद करके ले जाने लगा तो हरिया भी उसमें कूद कर बैठ गया। काफी दूर जाने के बाद सपेरे ने डलिया को नीचे रखा और आराम करने के लिए लेट गया।
हरिया जल्दी से कूदकर डलिया में से बाहर आया। पास में सपेरे की पगड़ी पड़ी थी। हरिया उसके अंदर चला गया और कूदने लगा। कूदते कूदते वह सपेरे के कन्धों पर चढ़ गया। सपेरा घबराकर उठा। वह अपनी पगड़ी को कूदते हुए देखकर डर गया। हरिया सपेरे के ऊपर कूदता गया। सपेरा बहुत डर गया। वह समझा कि कोई नया जानवर उसको काटने के लिए आया है।
वह जल्दी से उठा और दौड़ने लगा। वह दौड़ता गया। उसने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा। हरिया पगड़ी में से निकला और जाकर अपने मित्र रंगीला को डलिया में से निकलने को कहा। दोनों बहुत खुश हुए और नाचते हुए वापस तालाब के पास आये। उनको देखकर अन्य तालाब के वासी भी खुश हुए। सबने उनकी मित्रता के महत्व या श्रेष्ठता को स्वीकार करा।
जीवन में कभी कभी ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं जब आगे कुआँ और पीछे खाई होती है। हम ऐसे संकट में पड़ जाते हैं जिसमें से निकलना मुश्किल होता है। ऐसे समय पर कोई मित्र हमारी मदद कर सकता है। इसके संबंध में एक कहानी है।
एक तालाब के पास एक मेढक और एक सांप रहते थे। मेढक का नाम था हरिया और सांप का नाम रंगीला था। ऐसे मेढक और सांप एक दूसरे को नहीं पसंद करते हैं। पर हरिया और रंगीला एक दूसरे के मित्र थे। हरिया टर्र टर्र बोलता था तो रंगीला नाचता था। उन दोनों की मित्रता को देखकर सब खुश होते थे।
एक दिन एक सपेरा आया। वह रंगीला को पकड़कर ले जाना चाहता था और लोगों को उसका नाच दिखाकर पैसे कमाना चाहता था। जब हरिया ने देखा कि उसके मित्र पर मुसीबत आई है। उसने एक योजना बनाई।
जब सपेरा रंगीला को अपनी डलिया में बंद करके ले जाने लगा तो हरिया भी उसमें कूद कर बैठ गया। काफी दूर जाने के बाद सपेरे ने डलिया को नीचे रखा और आराम करने के लिए लेट गया।
हरिया जल्दी से कूदकर डलिया में से बाहर आया। पास में सपेरे की पगड़ी पड़ी थी। हरिया उसके अंदर चला गया और कूदने लगा। कूदते कूदते वह सपेरे के कन्धों पर चढ़ गया। सपेरा घबराकर उठा। वह अपनी पगड़ी को कूदते हुए देखकर डर गया। हरिया सपेरे के ऊपर कूदता गया। सपेरा बहुत डर गया। वह समझा कि कोई नया जानवर उसको काटने के लिए आया है।
वह जल्दी से उठा और दौड़ने लगा। वह दौड़ता गया। उसने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा। हरिया पगड़ी में से निकला और जाकर अपने मित्र रंगीला को डलिया में से निकलने को कहा। दोनों बहुत खुश हुए और नाचते हुए वापस तालाब के पास आये। उनको देखकर अन्य तालाब के वासी भी खुश हुए। सबने उनकी मित्रता के महत्व या श्रेष्ठता को स्वीकार करा।
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