please share meaning of the following dohe
1. diragh doha arath ke, aakhar thore aahin...
2. naad rijhi tan det mrig, nar dhan het samet...
thx
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1. इस दोहे में रहीम दस जी एक दोहे की शक्ति की व्याख्या कर रहे हैं और समझा रहे हैं कि जिस प्रकार एक नट कुंडली मरने वाला व्यक्ति ऊंचाई को चुने के लिए अपने शरीर को घुमा कर छोटा कर लेता है उसी प्रकार एक दोहे में इतने कम अक्षर होते हुए भी इसके अर्थ कितने गहरे होते है।
2.रहीम दस जी इस दोहे में कहते हैं – मृग मधुर तान पर मोहित हो कर स्वयं को शिकारी को सौप देता है और मनुष्य किसी भी कला से मोहित हो कर उसे धन देते हैं। दुसरे पंक्ति में वो कहते हैं कि जो मनुष्य कला पर मुग्ध होने के बाद भी उसे कुछ नहीं देता है वह पशु से भी हीन है। हमेशा कला का सम्मान करो और उससे प्रभावित होने पर दान जरूर करें।
2.रहीम दस जी इस दोहे में कहते हैं – मृग मधुर तान पर मोहित हो कर स्वयं को शिकारी को सौप देता है और मनुष्य किसी भी कला से मोहित हो कर उसे धन देते हैं। दुसरे पंक्ति में वो कहते हैं कि जो मनुष्य कला पर मुग्ध होने के बाद भी उसे कुछ नहीं देता है वह पशु से भी हीन है। हमेशा कला का सम्मान करो और उससे प्रभावित होने पर दान जरूर करें।
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