Hindi, asked by kunalwadhwani, 1 year ago

plz explain in ur own words and in easy way

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Answered by vankarboy
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त्रिपुरा में उन्नीस अनुसूचित जनजातियों और विश्व के चारों बड़े धर्मों का प्रतिनिधित्व मौजूद है। अगरतला के बाहरी हिस्से पचौरथल पर उन्हें बताया गया कि त्रिपुरा के उन्नीस कबीलों में से दो यानी चकमा और मधु महायानी बौद्ध हैं। ये कबीले त्रिपुरा में बर्मा या म्यांमार के चटगाँव के रास्ते आए थे। दरअसल इस मंदिर की मुख्य बुद्ध प्रतिमा भी 1930 के दशक में रंगून से लाई गई थी। त्रिपुरा में लगातार बाहरी लोगों के आने से कुछ समस्याएँ तो पैदा हुईं लेकिन इसके चलते यह राज्य बहु धार्मिक समाज का उदाहरण बना है।
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