Hindi, asked by Babuprakhar7161, 9 months ago

Poem about natural beauty of kerala in hindi

Answers

Answered by anukantajangra993
4

Answer:

It is very beautiful poem.

Explanation:

तड़ित चमकी

गहन घना घन

बरसा क्रोध का पानी

डूब गयी

सदियों की व्यवस्था

जलमग्न धरा के तड़ाग में

नन्हे मुन्ने

नवजात शिशु

बड़े बूढ़े और

नर नारी

बह गए

जल के वेग में

घर आंगन

जल प्लावित

घर से बेघर

घर वाले

यह इन्दर का

प्रकोप है या

साबरीमला का अभिशाप

धन्य धन्य है सैनिक

हर मोड़ पे,

हर क्रंदन में

बिछ गए बन कर सीढ़ी

बचाने जान गण मन की लाज

हर नंदन को छोड़ कर

पीड़ा के क्षण में

हम सब है आप के साथ

पानी है धीरे धीरे बह जायेगा

पर मन के रिसते कोनो में

न जाने वाला दर्द रह जायेगा

धन्य है प्रशासन

धन्य देश की जनता

जिसने सब मिल जुल कर

इस पीड़ा के प्रागे को भूना है

और अपना अपना योगदान दिया है

धन,तन, मन,कपडा और भोजन समग्री से

मेरे केरल को चाहिए अब

इन्दर देवता की इन्दर धनुष मुस्कान

दे सके वो दोबारा सब कुछ चिर परिचित

महक सुगंध,मकरंद और नारियल की मिठास

दस लाख लोग ही नहीं

जो हुए अव्यस्थित,

पर हर जीव जंतु, स्मारक और नदी धारा

हर पत्ता, बूटा फूल प्रफुल्लित हो दुबारा

जय हो केरल, तुम ने सब झेला

पर तुम्हारा सहस अदम्य है

सह गए भूस्खलन, जल-समाधि

असंख्य धन-राशि की हानि

पर तुम पुनः जीवन की धारा में आ रहे हो

हम सब देश वासी,

राष्ट्र नायक तुम्हारे साथ है

जय केरल, जय केरल वासी

जय भारत जय भारत वासी

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