Hindi, asked by sarthakjeena99, 1 year ago

Poem in Hindi on shishtachar

Answers

Answered by sanghita1
0
एक राजा था. वह बडा ही नेक,न्यायप्रिय तथा प्रजापालक था.अपनी प्रजा के कल्याण के लिए वह नयी-नयी योजनाएं बनाता रहता था,छोटे-बडे अपराधों के लिए कडी से कडी सजा देता था.इतना सब कुछ करने के बाद भी उसे एक चिन्ता खाए जाती थी. और वह यह कि आय के समस्त स्त्रोतॊं के बावजूद राजकीय घाटा निरन्तर बढ्ता ही जा रहा था.

उसने कई प्रभावशाली उपाय किए,लेकिन उसमें उसे सफ़लता नहीं मिली. तंग आकर उसने अपने प्रधानमंत्री को बुला भेजा और अपनी चिन्ता से अवगत कराते हुए कोई कारगर उपाय खोजने को कहा. काफ़ी विचार विनिमय के बाद उसने अपने प्रधानमंत्री को एक ऎसे अफ़सर को नियुक्त करने के आदेश दिए,जो सब पर कडी नजर रख सके.


अफ़सर की नियुक्ति हो जाने के बावजुद भी कोई प्रतिफ़ल नहीं निकला और राजकीय घाटा बढता ही रहा .प्रधानमंत्री ने और एक उच्च अधिकार संपन्न अधिकारी की नियुक्ति की फ़िर भी स्थिति जस की तस थी. इस तरह प्रधानमंत्री अफ़सरों की नियुक्ति करता रहा,लेकिन वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती रही. राजा ने तंग आकर प्रधानमंत्री को तलब किया और असफ़ल होने का कारण जानना चाहा तो, उसने हाथ जोडकर मुस्कुराते हुए उत्तर दिया:- महाराज, आप खामोखां इस चिन्ता में दुबले हुए जा रहे है. अब भ्र‍ष्टाचार कहाँ रहा ,वह तो कभी का शि‍ष्टाचार में बदल गया है. 

Answered by ajstylesf
1
waqt badale per ham nahi
nhi bhoolenge apne vichaar
leke aaye the aur like jaenge
sath apne Hum shishtachaar


roj badhti jindagi mein
ek bada savera aaya h
roj sikhte h nya
aaj shistachaar hmne paaya h

saaf Dino ke hafte
pal bhar mein nikalkr jaenge
Bas HR pal har Ghari main socha hoon
kya sishtachar ke bagair ji Hum paenge



I hope you like it
thank you
Similar questions