poem on apj abdul kalam school days in hindi
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लड़का था कलाम एक अच्छा सा
अपने गरीब परिवार में छोटासा
अखबार बेचे, करना था कमाई
कभी न की किसी से लड़ाई
निभाए सच्चे मुसलमान का रिवाज
दिन में करे पाँच बार नमाज ।
पढ़ाई में थोडसा कमजोर
फिर भी मेहनती ईमानदार
गणित में रुचि खूब जिज्ञासा
बनाया उसे भौतिक वैज्ञानिक बड़ासा ।
छात्रवृत्ति पाया ऊंचे पढ़ाई करने
परियोजना करने में हुए कुछ दिक्कत
चेतावनी प्रधान की, बने प्रेरणा उसकी
बना वैज्ञानिक कलाम कृपा भगवान की ।
कलाम के जीवन, सिखाये पाठ बहुत
मुश्किलें आती हैं, मुड़ो न पीछे तुरंत
अंक कम मिले, समझ कुछ न आए
कोशिश कर और कुछ, आसान हो जाए
बचपन में बुद्धिहीन बडे होकर बुद्धिमान
जादू नहीं मेहनत का ईनाम
होश साहस कभी तुम खोना नहीं
धर्म ईमान मानवता भूलना नहीं
विनम्रता मुस्कान रहित बात करना नहीं ।
kvnmurty:
click on thanks button abov pls;;select best answer
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