Poem on charminar in hindi
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सैयद इक़दार हुसैन द्वारा लिखित कविता चारमिनार...
चारमीनार के चार पुदियान चोदो नको
उड उड के बडे बुलन बोलो नको
तस्वीर लटक्का के जुमेरात बाजार की
हमें नवाब कू आप दादा बोलो नको
बडे लोगन कु जात देख चुप जा के
दोस्टन से " वो चिचा थे " बोलो नको
जो है सो सीना थूक के सच बोलो
शेर की खाला पहेन के योन डोलो नको
आपन हैदराबादी है ये बात कु भुलो नको
आपनी जो शान है हमें से मुन मोदो नको
सरी दुइयन मई अब च गे हें हम लोगन
अपना जो भरम है खायम राखो तोदो नाकको
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