Poem on My tribute to Sh. Bankim Chandra Chattopadhyay in Hindi
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श्री बंकिमचन्द्र चटर्जी को मेरी श्रधांजलि
वंदेमातरम् गीत सदा चलता रहेगा,
तुम्हारे इस अनमोल उपहार का देश सदा आभारी रहेगा I
तुम महान हो देश के अभिमान हो,
देश के इस गीत में सदा तुम्हारा नाम रहेगा II
तुमने वो काम किया जिस पर देश ने अभिमान किया,
देश भक्ति का सबको पाठ पढ़ाया ऐसा सुंदर काम किया I
जब देश था मझधार में फंसा हुआ,
तब तुमने सबको जागृत कर वंदेमातरम् गीत का निर्माण किया II
देश तुमपे मान करेगा अभिमान करेगा,
उस वक्त और हालात में जो काम क्या उसका ऋणी रहेगा I
आजादी का दीया जलाने वालों का ये देश सदा सम्मान करेगा,
भारत का तुम वो हीरा हो जो सदा चमकता रहेगा II
गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत का रोज होता अपमान,
सपना देखा भारत की आजादी का संघर्ष किया अभिराम I
न तीर से न तलवार से कलम से कुछ ऐसे किए काम,
सोए भारत को नींद से जगाया नया बनाया मकाम II
भारत के राष्ट्रीय गीत का निर्माण कर आजादी का जयघोष किया,
देशवासियों को हो राष्ट्र के प्रति प्रेम, ऐसी रचनाओं को निर्माण किया I
भारतीयों का अपमान करने पर, कर्नल को माफ़ी मांगने पर मजबूर किया,
देश के युवा भटक रहे थे अन्धकार में, “आनंदमठ” से प्रकाश दिया II
अपने लेखन से क्रांतिकारियों का हौंसला बढ़ाया था,
झुको नहीं आगे बढ़ो अपने हक़ के लिए लड़ो, ऐसा पाठ सुनाया था I
यह देश तुम्हारा है, यह जमीं तुहारी है, यह आसमां तुम्हारा है,
जुट गए देश सब सेवा में, इस तरह नव भारत का आधार बनाया था II